पाकुड़। भाजपा की तमाम कोशिशें से नाकाम हो गई है। भाजपा को एक आदिवासी मुख्यमंत्री रास नहीं आ रहा था इसलिए देश के आदरणीय पीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के पीछे बरसों से ईडी को लगा रखा था। पीएम का निर्देश था कि जैसे भी हो गलत तरीके से भी सही उसे फांसाओ और उसे झुकाव लेकिन हेमंत में हिम्मत है। उन्होंने झुकने का नाम नहीं लिया। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के साढ़े तीन करोड लोगों के साथ वह कोई समझौता नहीं कर सकते। उन्हें कुर्सी का लालच नहीं है, उन्हें सत्ता भी गंवानी पड़ी तो गवा देंगे लेकिन झारखंड के हित के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे और ऐसे ही उन्होंने कर दिखाया। वह जेल की सलाखों के पीछे जाना पसंद किया लेकिन झारखंड के लोगों के साथ किसी तरह का कोई अन्याय नहीं होने दिया।
उपरोक्त बातें झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व केंद्र समिति सदस्य शाहिद इकबाल ने कहीं। शाहिद इकबाल ने कहा कि झारखंड एक उर्वर धरती है। वन खनिज समेत अन्य संपदाओं से भरी है। भाजपा ने सिर्फ इसका शोषण और दोहन किया है लेकिन जब से झामुमो के नेतृत्व में सरकार बनी हेमंत सोरेन उसके मुखिया बने तब से शोषण पर लगाम लगाया गया।
झामुमो के पूर्व केंद्रीय समिति सदस्य शाहिद इकबाल का आरोप है कि आदरणीय प्रधानमंत्री की बराबर कोशिश रही है कि अडानी और अंबानी के लाभ के लिए झारखंड की धरती का इस्तेमाल किया जाए लेकिन हेमंत सोरेन ने स्पष्ट कह दिया कि वह किसी भी कीमत पर झारखंड के आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
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उन्होंने कहा कि इसके लिए हेमंत सोरेन को कुर्सी भी गंवानी पड़ी और जेल भी जाना पड़ा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दिखा दिया कि वह सिर्फ झारखंड के ही नहीं बल्कि देश में एक शेर बनकर उभरा है। श्री इक़बाल ने कहा कि हेमंत सोरेन झारखंड की जनता के लिए समर्पित रहे हैं लेकिन इससे झारखंड मुक्ति मोर्चा विचलित होने वाला नहीं है उन्होंने विधानसभा में माननीय मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन द्वारा विश्वास मत हासिल करने पर बधाई दी।