- 10 फरवरी से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का आयोजन कर फाइलेरियारोधी दवा डीईसी एवं एलबेंडाजोल की खुराक लोगों को खिलायी जाएगी
- जिलें के 1189 गांवों एवं शहरी क्षेत्र में 21 वार्ड के 2,23,094 घरों को आच्छादित किया जायेगा
पाकुड़ जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए आमजन फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में अपनी भागीदारी दें एवं निर्धारित तिथि को बूथ पर आकर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करें एवं अपने परिजनों एवं आस-पास के लोगों को भी फाइलेरिया रोधी दवा खाने के लिए जागरूक करें: डीसी
(धर्मेन्द्र सिंह) पाकुड़। उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल के द्वारा बताया गया कि फाईलेरिया उन्मुलन हेतु जिले में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान (MDA-24) प्रारंभ किया जायेगा। इस अभियान में दो प्रकार के दवाओं (D.E.C & Albandazole) का सेवन योग्य लाभूकों को कराया जायेगा। इस हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अभियान की तैयारी पूरी हो चुकी है। सभी प्रखण्डों के अन्तर्गत आनेवाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों एवं दवा प्रशासकों को MDA संबंधी प्रशिक्षण दे दी गई है।
इस अभियान के तहत जिलें के 1189 गांवों एवं शहरी क्षेत्र में 21 वार्ड के 2,23,094 घरों को आच्छादित किया जायेगा। इन घरों के 9,72,990 योग्य लाभुकों को दवा सेवन का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के सफलता के लिए पूरे जिले में 1292 बुथ बनायें गए हैं। बुथ दिनांक 10/02/2024 को कार्यशील होंगे, इसके उपरान्त दिनांक 11/02/2024 से दिनांक 25/02/2024 तक दवा प्रशासकों के द्वारा घर-घर जाकर छुटे हुए योग्य लाभूकों को दवाओं का सेवन कराई जायेगी। इस अभियान में 2592 दवा प्रशासकों को लगाया गया है एवं 261 पर्यवेक्षकों को दवा रोवन कार्यों के अनुश्रवण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आवश्यक दवा एवं प्रचार-प्रसार सामग्री प्रखण्डस्तर पर उपलब्ध करा दी गई है।
दवा सेवन से पूर्व आवश्यक ध्यान देने योग्य बातें
विज्ञापन
दवा का सेवन भूखे पेट में नही करना है, साथ ही एक वर्ष से छोटे बच्चें, गर्भवती महिलायें एवं गंभिर रुप से बीमार व्यक्तिओं को दवा का सेवन नहीं करना है।
यदि दवा सेवन के बाद सरदर्द, उल्टी, बुखार, चक्कर या बदन दर्द जैसी परिशानियां होती है, तो यह फाईलेरिया संक्रमन का संकेत है, जो दवा सेवन के बाद आपके शरीर में मौजूद फाईलेरिया कृमि के मरने के कारण यह प्रतिक्रिया हुई थी।
फाईलेरिया क्या है
फाईलेरिया का संक्रमण संक्रमित मादा क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलता है। फाईलेरिया मुख्यतः व्यक्ति के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है, जिसमें पैर, हाथ, अण्डकोष एवं महिलाओं के स्तन शामिल हैं। संक्रमण के बाद बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते है। किसी भी उम्र के व्यक्ति फाईलेरिया से संक्रमित हो सकते है। फाईलेरिया से संक्रमित व्यक्तिओं के पैरों में सूजन आ जाती है जिसे लिम्फोडेमा तथा आम भाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है। संक्रमित पुरुष के अण्डकोष में सूजन आ जाती है, जिसे हायड्रोसील कहा जाता है। ससमय उपचार न होने पर यह बीमारी धीरे-धीरे व्यक्ति को दिव्यांगता की और अग्रसारित करता है।
फाईलेरिया से बचाव:
फाईलेरिया से बचाव हेतु अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें एवं सरकार द्वारा वर्ष में एकबार MDA के दौरान खिलाई जाने वाली फाईलेरिया रोधी दवाओं का अवश्य सेवन करें।
आपका सहयोग, प्रयास हमारा।
फाइलेरिया मुक्त हो, पाकुड़ हमारा।