पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार, 45 दिनों तक चलने वाले ‘चाइल्ड विथ डिसाबिलिटी‘ अभियान को सफल बनाने हेतु प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) पाकुड़, शेषनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उनके मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्तर को सुदृढ़ करना है, साथ ही उन्हें बराबरी, समानता और सहभागिता के अवसर प्रदान करना है।
बैठक के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने दिव्यांग बच्चों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी दिव्यांग बच्चे को विकलांग प्रमाण पत्र से वंचित नहीं रहना चाहिए और उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। इस अभियान के तहत चिन्हित सभी दिव्यांग बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करने के लिए विस्तृत चर्चा की गई।
शेषनाथ सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि प्रत्येक दिव्यांग बच्चे को पूर्ण लाभ मिले। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी आवश्यक कागजी प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक दिव्यांग बच्चे को उसके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया, सभी बीडीओ, डीएसडब्ल्यूओ, सीएमओ, व्यास ठाकुर (बाल संरक्षण इकाई पदाधिकारी), सहायक निदेशक सुरक्षा विभाग आदि उपस्थित थे। इन सभी अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में दिव्यांग बच्चों के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी और अभियान को सफल बनाने के लिए अपने विचार साझा किए।
अजय कुमार गुड़िया ने कहा कि इस अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान में सभी विभागों का सहयोग आवश्यक है ताकि हम सभी दिव्यांग बच्चों को उनके अधिकार और सुविधाएँ प्रदान कर सकें।
इस अभियान के तहत, दिव्यांग बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य मूलभूत सुविधाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। शेष नाथ सिंह ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को किसी भी प्रकार की असमानता का सामना नहीं करना चाहिए और उन्हें समाज में बराबरी का स्थान मिलना चाहिए।
बैठक के दौरान, सभी अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ इस अभियान को सफल बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान के माध्यम से हम सभी दिव्यांग बच्चों को उनके अधिकार और सुविधाएँ प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
बैठक के अंत में, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों की नियमित समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी दिव्यांग बच्चा किसी भी सुविधा से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान के माध्यम से हम दिव्यांग बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और उन्हें समाज में बराबरी का स्थान दिलाने का प्रयास करेंगे।
इस बैठक ने पाकुड़ जिला में ‘चाइल्ड विथ डिसाबिलिटी’ अभियान के प्रति नई ऊर्जा और समर्पण का संचार किया और सभी अधिकारी इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हुए।