पाकुड़। अमड़ापाड़ा प्रखंड सभागार में झारखंड विकास परिषद द्वारा सुरक्षित बचपन के लिए दामिन पहल परियोजना के तहत बच्चों से सम्बंधित मुद्दों का अधिकार आधारित रिपोर्टिंग पर पत्रकारों के साथ एक संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन सनातन मुर्मू, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा विभाग, राम टूडू, बॉबी कुमारी, एल. एस. बाल विकास परियोजना विभाग अमड़ापाड़ा, जराकी मुखिया साहेबजन टूडू, परियोजना समन्वयक मनोरंजन सिंह और पत्रकारों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य और महत्व
परियोजना समन्वयक मनोरंजन सिंह ने कार्यशाला में बाल संरक्षण के मुद्दों पर मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार मीडिया बाल संरक्षण को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने किशोर न्याय (देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम- 2015 और पाक्सो अधिनियम-2019 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मनोरंजन सिंह ने बताया कि समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14), भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15) और व्यक्तिगत स्वतंत्रता और कानून की उचित प्रक्रिया का अधिकार (अनुच्छेद 21) के तहत बच्चों के अधिकार सुनिश्चित होते हैं। उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम 2006 के अनुच्छेद 2 (के) का उल्लेख करते हुए बताया कि इस अधिनियम के अनुसार 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चे संरक्षण के हकदार हैं।
मीडिया की भूमिका और संवेदनशीलता
एल. एस. बाल विकास परियोजना विभाग अमड़ापाड़ा की अधिकारी बॉबी कुमारी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों के हनन के मामलों की रिपोर्टिंग के दौरान मीडिया को अधिक संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बाल अधिकार एक आंदोलन है जिसे हर घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है और मीडिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
बच्चों के सम्मानपूर्ण जीवन का अधिकार
सनातन मुर्मू, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा विभाग, ने बच्चों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार बताते हुए कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके अधिकारों का हनन न हो। उन्होंने जोर दिया कि रिपोर्टिंग के दौरान बच्चों का नाम, जाति, पता आदि उजागर नहीं करना चाहिए जिससे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
विशेषज्ञों का योगदान
एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विशेषज्ञों ने बच्चों से संबंधित खबरों के प्रकाशन और उनके अधिकारों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। विशेषज्ञों ने बाल उपलब्धियों को समाज के सामने लाने और उनके शोषण को प्रमुखता से उठाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में पत्रकारों की भागीदारी
कार्यशाला में पत्रकार संतोष गुप्ता, श्री राम भगत, कमलकांत पांडे, आकाश भगत, विक्की सान्याल, मो. सलाम, राहुल कुमार सहित अन्य पत्रकारगण उपस्थित थे। इन सभी ने बच्चों से सम्बंधित खबरों की संवेदनशीलता पर अपने विचार साझा किए और इस तरह की कार्यशालाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
सफल संचालन
इस कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के अजय मुर्मू द्वारा किया गया। उन्होंने पूरे कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया और उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बाल अधिकारों और मीडिया की भूमिका पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
यह कार्यशाला बाल अधिकारों और मीडिया की भूमिका के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। इसने पत्रकारों को बच्चों के अधिकारों के प्रति अधिक संवेदनशील होने और रिपोर्टिंग में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए इस प्रकार की कार्यशालाएं भविष्य में भी आयोजित की जानी चाहिए ताकि समाज में बच्चों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन मिल सके।