पाकुड़। इंसानियत फाउंडेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता। इस बार फाउंडेशन की तत्परता से एक गर्भवती महिला की जान बचाई गई। सदर अस्पताल में इलाज के दौरान इलामी गांव की रहने वाली गर्भवती महिला रफेदा बीबी को ए पॉजिटिव ब्लड की सख्त जरूरत पड़ी।
रफेदा बीबी की गंभीर स्थिति को देखते हुए उनके परिवार वालों ने तुरंत इंसानियत फाउंडेशन से मदद की गुहार लगाई। फाउंडेशन हमेशा की तरह अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए तावरित कार्रवाई की।
सूचना मिलते ही चांचकी के 24 वर्षीय युवा आकमल शेख रक्तदान के लिए आगे आए। आकमल शेख इससे पहले भी कई बार रक्तदान कर चुके हैं, और इस बार भी वे बिना किसी हिचकिचाहट के रक्तदान के लिए तैयार हो गए। आकमल शेख ने पाकुड़ ब्लड बैंक जाकर रक्तदान किया, जिससे रफेदा बीबी के इलाज की प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जा सका। उनके इस निस्वार्थ कृत्य के कारण रफेदा बीबी की जान बच गई।
परिवार वालों ने आकमल शेख और इंसानियत फाउंडेशन को दिल से धन्यवाद दिया और उनकी सेवा के लिए ढेर सारी दुआएं दीं। रक्तदान के समय परिवार के सदस्य और अस्पताल के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने आकमल शेख के इस मानवता भरे कदम की सराहना की।
इंसानियत फाउंडेशन के इस कार्य ने एक बार फिर साबित कर दिया कि समाज में अच्छे लोग और संस्थाएं आज भी हैं, जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। यह घटना न केवल इंसानियत फाउंडेशन के कार्यों की सराहना करती है, बल्कि रक्तदान के महत्व को भी उजागर करती है। आकमल शेख जैसे युवाओं की तत्परता और फाउंडेशन की सक्रियता ने साबित कर दिया कि सही समय पर मदद मिल जाए तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। ऐसे कार्य समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं कि वे जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आएं।