Friday, September 20, 2024
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रक्षाबंधन पर अजहर इस्लाम को सैकड़ों बहनों ने बांधा रक्षा सूत्र

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पाकुड़। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, जहां लोग अपने निकटतम संबंधों को भी भूलते जा रहे हैं, वहीँ एक ऐसा समाजसेवी है जो अपने असल भाई-बहनों के अलावा, गरीब और बेसहारा परिवारों की बेटियों का भाई बनकर उनका जीवन बदल रहा है। हम बात कर रहे हैं पाकुड़ जिले के समाजसेवी अजहर इस्लाम की, जिन्होंने अपने जीवन को इंसानियत और सेवा के नाम समर्पित कर दिया है। बीते 15 वर्षों से अजहर इस्लाम गरीबों और असहाय परिवारों की मदद के लिए सक्रिय हैं और अपनी सेवा भावना के चलते समाज में एक अलग पहचान बना चुके हैं।

गरीब परिवारों का सहारा बने अजहर इस्लाम

अजहर इस्लाम ने अपने समाजसेवी कार्यों से उन परिवारों का सहारा बनने का बीड़ा उठाया है, जिनके पास साधनों की कमी है और जो समाज के हाशिये पर खड़े हुए हैं। वे न केवल कंबल, कपड़े, और राशन जैसी बुनियादी आवश्यकताएं पूरा करते हैं, बल्कि आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं ताकि इन परिवारों को अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिल सके। उनके द्वारा की गई सहायता केवल सामग्री तक ही सीमित नहीं है; वे अपनी भावनात्मक और मानसिक सहायता से भी इन परिवारों का सहारा बनते हैं।

रक्षाबंधन पर सैकड़ों बहनों की राखी

हर साल रक्षाबंधन के मौके पर अजहर इस्लाम का घर एक विशेष उत्सव का केंद्र बन जाता है। सैकड़ों गरीब और असहाय बहनें, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम, अपने इस धर्म भाई के पास राखी बांधने आती हैं। अजहर इस्लाम के लिए यह दिन खास होता है क्योंकि यह उनके समाजसेवा के मिशन का एक प्रतीक है। इस साल भी, रक्षाबंधन के इस पवित्र अवसर पर, सैकड़ों बहनों ने अजहर इस्लाम के हाथों में राखी बांधी और उनके लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की। यह दृश्य किसी भी दिल को छू जाने वाला था, जब विभिन्न धर्मों और समुदायों की बहनें अपने भाई को प्यार और स्नेह के धागे से बांध रही थीं।

भाईचारे की अनूठी मिसाल

अजहर इस्लाम का मानना है कि सच्चा धर्म वही है, जो मानवता की सेवा करता है। उनके लिए धर्म कोई अलग पहचान नहीं, बल्कि लोगों की मदद करने का एक साधन है। उनके अनुसार, “ईश्वर और अल्लाह हमसे यह सेवा का कार्य ले रहे हैं, और जिसकी इतनी बहनें हों, उसका जीवन वास्तव में धन्य हो जाता है।” उनके इस मान्यता का सबसे बड़ा प्रमाण है वह भाईचारा, जो उन्होंने समाज के विभिन्न धर्मों और जातियों के लोगों के बीच स्थापित किया है। रक्षाबंधन के इस मौके पर अजहर इस्लाम ने न केवल भाईचारे की मिसाल पेश की, बल्कि समाज को एकता और मानवता का संदेश भी दिया।

समाज के प्रति जिम्मेदारी

अजहर इस्लाम के कार्य सिर्फ रक्षाबंधन के पर्व तक ही सीमित नहीं हैं। वे वर्षभर गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। उनकी सेवा भावना का ही परिणाम है कि आज वे सैकड़ों बहनों के भाई बन चुके हैं, जो हर साल उनके घर राखी बांधने आती हैं। समाज के प्रति उनकी यह जिम्मेदारी केवल एक धर्म या समुदाय तक सीमित नहीं है; उनके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, सभी धर्मों की बहनें उनके पास राखी बांधने आती हैं, और वे यथासंभव उन्हें शगुन देकर विदा करते हैं।

भावनात्मक जुड़ाव

अजहर इस्लाम का गरीब और असहाय बहनों के साथ भावनात्मक जुड़ाव उनके समाजसेवी कार्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे इन बहनों को केवल सहायता प्रदान नहीं करते, बल्कि उनके हर सुख-दुःख में उनके साथ खड़े रहते हैं। रक्षाबंधन के मौके पर जब ये बहनें उन्हें राखी बांधती हैं, तो उनके चेहरों पर जो खुशी होती है, वह उनके इस भाई के प्रति प्रेम और आभार का प्रतीक है। इन बहनों के लिए अजहर इस्लाम केवल एक मददगार नहीं, बल्कि एक सच्चे भाई हैं, जो हर मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़े रहते हैं।

समाजसेवा का अनवरत सफर

अजहर इस्लाम के इस सफर का अंत नहीं है, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें वे निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। उनके इस समाजसेवा के कार्य ने न केवल उन्हें सम्मान दिलाया है, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा बन चुके हैं। अजहर इस्लाम का जीवन इस बात का उदाहरण है कि सच्ची खुशी दूसरों की सेवा में ही निहित होती है। उनके अनुसार, “जिसकी इतनी बहनें हो, उसका जीवन धन्य हो जाता है।” उनके इस विचार ने उन्हें समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एक आदर्श व्यक्ति बना दिया है।

इस प्रकार, अजहर इस्लाम ने अपने समाजसेवी कार्यों के माध्यम से रक्षाबंधन के इस पर्व को एक नया आयाम दिया है। उनके इस कार्य ने समाज को एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया है, जो हमेशा याद रखा जाएगा।

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