Saturday, September 21, 2024
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कोलकाता में डॉक्टर के गैंगरेप और हत्या के विरोध में बीजेपी महिला मोर्चा का कैंडल मार्च

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पाकुड़। पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं और ममता सरकार की विफलताओं के विरोध में भाजपा महिला मोर्चा द्वारा कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। यह मार्च कोलकाता के आर.जी.कर. अस्पताल की एक डॉक्टर के साथ हुए बर्बर गैंगरेप और हत्या के विरोध में निकाला गया। इस मार्च का नेतृत्व भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष शाबरी पाल ने किया, जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष सम्पा साहा, भाजपा नेत्री मीरा प्रवीण सिंह सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी और महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

शबरी पाल ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “कोलकाता आर.जी.कर. अस्पताल में एक डॉक्टर बेटी के साथ हुए निर्मम गैंगरेप और हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बाद, ममता सरकार और पुलिस प्रशासन ने जिस प्रकार मामले को दबाने की कोशिश की और अपराधियों को बचाने का प्रयास किया, वह बेहद निंदनीय है। यह घटना ममता सरकार की असफलता और अपराधियों को पनाह देने की नीति को उजागर करती है।”

उन्होंने कहा कि इस वीभत्स घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता को स्पष्ट कर दिया है। “हम इस डॉक्टर बेटी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हम तब तक संघर्ष करेंगे जब तक अपराधियों को कठोर सजा नहीं मिल जाती और देश में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती,” शाबरी पाल ने कहा।

भाजपा नेत्री मीरा प्रवीण सिंह ने भी इस मौके पर ममता सरकार की आलोचना की और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी की सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और अपराधियों को मिल रहे संरक्षण के चलते पश्चिम बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता है। सरकार को या तो इस्तीफा देना चाहिए या महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।”

सम्पा साहा ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा और पूरा देश ममता सरकार की विफलता के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “हम डॉक्टर बेटी के परिवार के साथ हैं, जो इस घृणित अपराध का शिकार हुई है। ममता सरकार और उनकी पुलिस न केवल न्याय सुनिश्चित करने में विफल रही है, बल्कि वे अब भी अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा, इस घटना के खिलाफ संवैधानिक विरोध करने वाले डॉक्टर्स और आम जनता को धमकाने और दबाने का भी प्रयास किया जा रहा है।”

इस कैंडल मार्च में पूर्व जिला अध्यक्ष विवेकानंद तिवारी, जिला महामंत्री रूपेश भगत, वरिष्ठ नेता संजीव साह, सोमनाथ पाल, राहुल शर्मा, महिला मोर्चा नेता तुलसी वर्द्धन, सोमा पाल, पिंकी सिंह, रिंकू दास, कृष्णा शर्मा, चंदना घोष, माम्पी पाल, बोनानी सरकार सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता और महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

कैंडल मार्च के दौरान महिला कार्यकर्ताओं ने सरकार से न्याय की मांग की और कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और न्याय के लिए संघर्ष करने के अपने संकल्प को दोहराते हुए, उन्होंने ममता सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने का ऐलान किया।

मार्च के दौरान कई महिलाओं ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और कहा कि देश की बहनों, बेटियों और माताओं की सुरक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

इस घटना ने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। भाजपा महिला मोर्चा का यह कैंडल मार्च इस बात का प्रतीक है कि देशभर में महिलाएं अब अपने सम्मान और सुरक्षा के लिए एकजुट हो रही हैं। यह मार्च न केवल एक डॉक्टर बेटी के लिए न्याय की मांग है, बल्कि देश की हर महिला की सुरक्षा के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को याद दिलाने का भी एक प्रयास है।

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