पाकुड़। वन प्रमंडल की रेस्क्यू टीम ने आज दो अलग-अलग घटनाओं में स्पेक्टेक्ल्ड कोबरा सांपों को सुरक्षित रेस्क्यू किया। वन प्रमंडल पदाधिकारी के निर्देशन में, रेस्क्यू टीम ने इन खतरनाक ज़हरीले सांपों को पकड़ा और उन्हें जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा।
पहली घटना सुबह लगभग 9:00 बजे की है, जब पाकुड़ वन प्रक्षेत्र की रेस्क्यू टीम को तोड़ाई ग्राम के निवासी सुरेंद्र वर्मा से फोन पर जानकारी मिली कि उनके घर में एक वयस्क स्पेक्टेक्ल्ड कोबरा सांप घुस आया है। सूचना मिलते ही, टीम तुरंत तोड़ाई के लिए रवाना हो गई। टीम लगातार श्री वर्मा से संपर्क में बनी रही और मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
सांप घर के एक कमरे में सूखे चिरायता के ढेर में छुपा हुआ था। टीम ने सबसे पहले सांप के उपस्थिति वाली जगह से लोगों की भीड़ को दूर हटाया, ताकि ऑपरेशन सुरक्षित तरीके से पूरा किया जा सके। टीम ने सावधानीपूर्वक चिरायता के ढेर को हटाया और करीब 10:00 बजे वयस्क कोबरा को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। सांप पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित था, इसलिए उसे जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया।
दूसरी घटना में, लगभग 11:00 बजे, रेस्क्यू टीम को राज +2 स्कूल, पाकुड़ के पास स्थित कैलाश मिश्रा के घर में एक स्पेक्टेक्ल्ड कोबरा के बच्चे के घुसने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही, टीम तत्काल मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। सांप का बच्चा घर के एक कमरे में मूर्ति के पीछे छिपा हुआ था। टीम ने पहले घर के सभी सदस्यों को उस कमरे से सुरक्षित दूरी पर किया, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
रेस्क्यू टीम ने धैर्यपूर्वक और सावधानी से सांप के बच्चे को बाहर निकाला। यह ऑपरेशन लगभग 11:30 बजे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। सांप का बच्चा भी पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित पाया गया, जिसे बाद में जंगल में छोड़ दिया गया।
इन घटनाओं के बाद, पाकुड़ वन प्रमंडल की रेस्क्यू टीम की सराहना की जा रही है। टीम ने अपनी तत्परता, साहस और कुशलता के साथ दो खतरनाक घटनाओं को टाल दिया और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की। वन विभाग के अधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी घटना की सूचना तुरंत वन विभाग को दें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
रेस्क्यू टीम के इस सफल अभियान से जहां लोगों को राहत मिली है, वहीं यह भी साबित हुआ है कि पाकुड़ वन प्रमंडल की टीम किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार है। वन विभाग के इस सराहनीय प्रयास से निश्चित रूप से वन्यजीवों और मानव के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी।