पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वधान में मंडलकारा पाकुड़ में जेल अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देशन में हुआ। जेल अदालत के दौरान, मंडलकारा में बंदियों को उनके अधिकारों और हितों से संबंधित विभिन्न कानूनी जानकारियां प्रदान की गईं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, अजय कुमार गुड़िया ने बंदियों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि जेल में बंद कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता कैसे प्राप्त हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत बंदियों को निशुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जिन बंदियों के पास अपने मुकदमों के लिए आर्थिक साधनों की कमी है, वे इस सेवा का लाभ उठाकर अपनी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ा सकते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने बंदियों को यह भी बताया कि कानूनी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जेल अदालत का आयोजन किया जाता है, जहां लंबित मामलात पर तेजी से सुनवाई की जाती है। इस प्रकार के आयोजन से न केवल न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी आती है, बल्कि बंदियों को उनके अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है, और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इसी दिशा में काम कर रहा है।
कार्यक्रम में बंदियों को अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कानूनी उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। अजय कुमार गुड़िया ने बताया कि प्राधिकरण बंदियों की कानूनी मदद के लिए हरसंभव प्रयास करता है और इसके लिए उन्होंने बंदियों से भी अपील की कि वे इस सेवा का अधिकतम लाभ उठाएं। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार से कैदियों के मामले में सरकारी अधिवक्ता के माध्यम से उनका बचाव किया जा सकता है और उनके हितों को संरक्षित रखा जा सकता है।
इस अवसर पर अन्य कानूनी विशेषज्ञों ने भी बंदियों से संवाद किया और उन्हें उनके अधिकारों के साथ-साथ जेल में मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों को उनकी कानूनी स्थिति के प्रति जागरूक करना और उन्हें न्याय प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग प्रदान करना था।