पाकुड़। सोनाजोड़ी सदर अस्पताल में महेशपुर मानिकपुर की 28 वर्षीय गर्भवती महिला सरिफा बीबी, महेशपुर के एक बच्चे और चांचकी की 6 वर्षीय तमन्ना यास्मीन को समय पर रक्तदान मिलने से जीवनदान मिला। सरिफा बीबी का हीमोग्लोबिन स्तर बहुत कम हो गया था और उन्हें बी पॉजिटिव रक्त की तत्काल आवश्यकता थी। वहीं, तमन्ना यास्मीन को ए पॉजिटिव रक्त की जरूरत थी, जबकि महेशपुर का एक बच्चा, जो थैलेसीमिया से पीड़ित था, उसे भी बी पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता थी। इन तीनों मरीजों के परिजनों ने रक्त की तलाश के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन उन्हें समय पर रक्त नहीं मिल पाया।
अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने तीनों मरीजों के परिजनों को रक्त चढ़ाने की सलाह दी, जिसके बाद परिजन काफी चिंतित हो गए और रक्त की व्यवस्था के लिए और प्रयास करने लगे। इसी बीच, किसी ने परिजनों को इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन और उप सचिव आसादुल मुल्ला से संपर्क करने की सलाह दी।
परिजनों ने इंसानियत फाउंडेशन से संपर्क किया, और संस्था ने तुरंत मदद का आश्वासन दिया। सद्दाम हुसैन और उनकी टीम ने महेशपुर से राहुल शेख (ए बी पॉजिटिव), रिसादुल शेख (बी पॉजिटिव), अब्दुल हामिद (बी पॉजिटिव) और अब्दुल अलीम (ए बी पॉजिटिव) को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। इन सभी रक्तदाताओं ने पाकुड़ रक्त अधिकोष में जाकर समय पर रक्तदान किया, जिससे तीनों मरीजों का समय पर इलाज संभव हो पाया।
रक्तदान के बाद तीनों मरीजों का स्वास्थ्य तेजी से सुधरने लगा। डॉक्टरों ने भी कहा कि अगर समय पर रक्त नहीं मिलता तो मरीजों की स्थिति और गंभीर हो सकती थी। इंसानियत फाउंडेशन के इस सराहनीय कार्य से न केवल तीन लोगों की जान बचाई जा सकी, बल्कि इस घटना ने समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया कि रक्तदान से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
परिजनों ने इंसानियत फाउंडेशन और रक्तदाताओं का तहेदिल से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें रक्त नहीं मिल पा रहा था, तब इंसानियत फाउंडेशन ने देवदूत बनकर उनकी मदद की। गर्भवती महिला सरिफा बीबी के पति ने कहा, “हमने कई जगहों पर रक्त खोजने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। जब इंसानियत फाउंडेशन से संपर्क किया, तब हमें उम्मीद की किरण मिली। हम उनके आभारी हैं।”
रक्तदान करने वाले राहुल शेख, रिसादुल शेख, अब्दुल हामिद और अब्दुल अलीम ने भी इस नेक काम को लेकर खुशी जताई। राहुल शेख ने कहा, “रक्तदान करके मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है। मैंने पहली बार रक्तदान किया और मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे खून से किसी की जान बची है। भविष्य में भी मैं जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहूंगा।”
इस मौके पर इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन, उप सचिव आसादुल मुल्ला, अलाउद्दीन, राहुल शेख, रिसादुल शेख, अब्दुल हामिद, अब्दुल अलीम और रक्त अधिकोष के कर्मचारी नवीन कुमार मौजूद थे।
इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने कहा कि उनका उद्देश्य लोगों को रक्तदान के महत्व के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा, “रक्तदान महादान है। हमारे द्वारा किया गया एक छोटा सा प्रयास किसी के जीवन को बचा सकता है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे नियमित रूप से रक्तदान करें और समाज में इस सकारात्मक पहल का हिस्सा बनें।”