पाकुड़। मंगलवार की देर रात सत्य सनातन संस्था के अध्यक्ष रंजीत कुमार चौबे ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कर्करोग से पीड़ित मरीज संजय कुमार श्रीवास्तव की जान बचाई। संजय कुमार श्रीवास्तव, जो गोड्डा जिले के बुआरीजोर प्रखंड के निवासी हैं, को गंभीर अवस्था में रक्त की आवश्यकता थी। इस कठिन समय में, संस्था के सहयोग से उन्हें तुरंत रक्त उपलब्ध कराया गया।
मरीज की हालत और रक्त की कमी
संजय कुमार श्रीवास्तव, जिनका चेन्नई और दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में कर्करोग का इलाज चल रहा है, को रक्त की अत्यधिक कमी हो गई थी। संजय की पत्नी नीतू श्रीवास्तव ने गोड्डा जिले में कई जगहों पर रक्त की खोज की, लेकिन कहीं से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। रक्त की कमी के कारण संजय की स्थिति बिगड़ती जा रही थी, और समय पर रक्त मिलना उनके लिए जीवन-मृत्यु का प्रश्न बन गया था।
सत्य सनातन संस्था से संपर्क
जब नीतू श्रीवास्तव को गोड्डा में कोई मदद नहीं मिली, तो उन्होंने पाकुड़ में स्थित सत्य सनातन संस्था से संपर्क किया। संस्था ने तुरंत मरीज की गंभीर स्थिति को समझते हुए सोनाजोड़ी स्थित सदर अस्पताल में उन्हें भर्ती करवाया। इसके बाद आवश्यक कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, संस्था ने रक्त उपलब्ध कराने के लिए तत्काल कदम उठाए।
अध्यक्ष ने किया रक्तदान
संस्था ने रक्त की कमी की जानकारी मिलते ही, अपने अध्यक्ष रंजीत कुमार चौबे से संपर्क किया। बिना समय गवाए, रंजीत कुमार चौबे सीधे पुराना अस्पताल स्थित रक्त अधिकोष (ब्लड बैंक) पहुंचे और अपना रक्तदान किया। पांच वर्ष पूर्व भी संस्था द्वारा रक्तदान किया गया था।
संस्था और परिवार का आभार
रक्तदान के बाद, मरीज और उनके परिजनों ने सत्य सनातन संस्था और इसके अध्यक्ष रंजीत कुमार चौबे का दिल से धन्यवाद दिया। संजय श्रीवास्तव की पत्नी नीतू श्रीवास्तव ने कहा कि बिना संस्था की मदद के उनके पति की जान बचाना संभव नहीं था। उन्होंने संस्था के अन्य सदस्यों, जो मौके पर उपस्थित थे, जैसे अजय भगत, नवीन कुमार, और पियूष कुमार, का भी आभार व्यक्त किया।
रक्तदान की महत्वपूर्ण भूमिका
इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि रक्तदान किसी की जान बचाने में कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। सत्य सनातन संस्था के द्वारा किए गए इस नेक कार्य ने न केवल मरीज की जान बचाई, बल्कि समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का भी काम किया। संस्था का यह कदम एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा, और समाज में ऐसे और भी कई लोग रक्तदान करने के लिए प्रेरित होंगे।
सत्य सनातन संस्था ने यह साबित कर दिया कि मानवता की सेवा में आगे बढ़कर कार्य करना ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।