पाकुड़। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया। यह प्रदर्शन स्थानीय रविंद्र चौक पर हुआ, जिसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बिल के विरोध में नारे लगाए और इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया। इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व एसडीपीआई के जिला अध्यक्ष अमीर हमजा ने किया।
वक्फ संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी बताया
धरने के दौरान एसडीपीआई के प्रदेश महासचिव हंजला शेख ने वक्फ संशोधन बिल को सीधे तौर पर मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है, और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। शेख ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ नीतियां बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है, तो एसडीपीआई सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ेगी।
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का भी विरोध
एसडीपीआई ने न केवल वक्फ संशोधन बिल, बल्कि वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का भी विरोध किया। पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह बिल भी लोकतंत्र के खिलाफ है और इससे अल्पसंख्यकों के हित प्रभावित होंगे। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे इस मुद्दे को न्यायालय में ले जाएंगे और कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।
सरकार पर अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप
हंजला शेख ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल लाकर यह साबित कर दिया है कि भाजपा अल्पसंख्यक विरोधी पार्टी है। उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और उनके धार्मिक स्थलों को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने इस बिल को तुरंत रद्द करने की मांग की और कहा कि अगर सरकार ने इसे वापस नहीं लिया, तो एसडीपीआई इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेगी।
न्यायालय तक लड़ाई लड़ने का संकल्प
धरने में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती है, तो वे न्यायालय का शरण लेंगे। शेख ने कहा कि एसडीपीआई इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए भी पूरी तरह तैयार है और केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक विरोधी फैसलों के खिलाफ हर मंच पर आवाज उठाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है।