पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देशन में रेफरल न्यायाधीशों और मध्यस्थों के बीच एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मध्यस्थता के मुद्दों पर चर्चा करना और इसे और प्रभावी बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श करना था।
बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया ने मध्यस्थता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सभी मध्यस्थ अधिवक्ताओं को मध्यस्थता की कार्यप्रणाली और इससे जुड़े फायदों के बारे में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मध्यस्थता एक ऐसा माध्यम है, जिससे न्याय प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है और पक्षों के बीच आपसी समझौता कराकर विवादों का शीघ्र समाधान किया जा सकता है।
बैठक के दौरान, मध्यस्थता की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर भी चर्चा की गई। मध्यस्थ अधिवक्ताओं को बताया गया कि किस प्रकार से मध्यस्थता के माध्यम से दीवानी मामलों में त्वरित न्याय प्राप्त किया जा सकता है और अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम हो सकता है।
इस अवसर पर मेडियेटर अधिवक्तागण भी उपस्थित थे, जिन्होंने अपनी राय और अनुभव साझा किए। बैठक का मुख्य उद्देश्य न्याय प्रक्रिया में मध्यस्थता को और अधिक प्रभावी और सफल बनाना था, जिससे न्यायालयों में लम्बित मामलों का शीघ्र निपटारा हो सके।