पाकुड़। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मो. मोइनुद्दीन, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष अशोक कुमार शुक्ला, और एसबीआई बैंक के उप महाप्रबंधक के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य और महत्व
कार्यक्रम के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां सुलहनीय मामलों का निपटारा आपसी समझौते के आधार पर किया जाता है। इसमें सुलह योग्य आपराधिक वाद, पारिवारिक/वैवाहिक विवाद, बैंक रिकवरी, सिविल वाद, मनरेगा, बिजली बिल, चेक बाउंस और मोटर वाहन दुर्घटना से संबंधित मामलों का निपटारा किया जाता है।
असहाय और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए न्याय की पहुंच
अदालत के आयोजन का एक मुख्य उद्देश्य उन लोगों को न्याय तक पहुंचाना है जो कानूनी जानकारी के अभाव में या दूर-दराज के इलाकों में रहकर अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि यह बेहद जरूरी है कि सुदूरवर्ती इलाकों के लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व के बारे में जागरूक किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इस मंच का लाभ उठा सकें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अधिकतम मामलों का निपटारा करने के लिए जागरूकता बढ़ाई जाए।
सुलह-समझौते से मामलों का निष्पादन
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल आठ बेंचों का गठन किया गया, जिसमें कुल 7,662 मामलों का निष्पादन किया गया। इसके साथ ही 1,57,03,555 रुपये की राशि का समझौता कराया गया। यह न्यायिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जहां सुलह-समझौते के आधार पर मामले सुलझाए गए।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का संदेश
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य त्वरित और सस्ते न्याय की सुविधा प्रदान करना है, विशेषकर उन मामलों में जहां आपसी समझौते से हल निकाला जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अदालत न केवल न्याय देने का काम करती है बल्कि लोगों के बीच सौहार्द और सहयोग को भी बढ़ावा देती है।
विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण हस्तियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इनमें प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिल्पा मुर्मू, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, सचिव अजय कुमार गुड़िया, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ और डिप्टी चीफ समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद थे।
विभिन्न विभागों के अधिकारी और प्रतिभागी
कार्यक्रम में बैंक अधिकारियों, पैनल अधिवक्ताओं, मीडिएटर, और पैरा लीगल वॉलिंटियर्स की भी उपस्थिति रही। वादी और प्रतिवादी पक्षों ने भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने मामलों का सुलह-समझौते के आधार पर निपटारा करवाया।
जागरूकता अभियान का महत्व
न्यायाधीशों ने राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को लेकर जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अदालतें न केवल त्वरित न्याय का माध्यम बनती हैं, बल्कि आम लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक भी करती हैं। खासतौर से वे लोग जो असहाय होते हैं या जिनके पास कानूनी जानकारी का अभाव होता है, उन्हें इस मंच के माध्यम से न्याय प्राप्त करने में मदद मिलती है।
न्याय की किरण सुदूर इलाकों तक पहुंचे
कार्यक्रम में जोर देकर कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य न्याय की पहुंच को अंतिम पायदान तक पहुंचाना है। न्यायिक प्रणाली को अधिक समावेशी बनाने के लिए इस तरह की अदालतें बेहद महत्वपूर्ण हैं, जहां न केवल न्याय प्रदान किया जाता है बल्कि लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी किया जाता है।
उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी अधिकारियों, अधिवक्ताओं, वादी-प्रतिवादी और अन्य प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया। इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने भविष्य में और अधिक राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन की बात कही, ताकि समाज के हर तबके तक न्याय की किरण पहुंचे।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन ने न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसमें सुलह-समझौते के आधार पर निपटाए गए मामलों की संख्या और निपटाई गई राशि ने इस पहल की सफलता को साबित किया। इस आयोजन के माध्यम से पाकुड़ के आम लोगों को त्वरित और सस्ते न्याय का लाभ मिला।