पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार पाकुड़ में नव चयनित पैरा लीगल वॉलिंटियर्स (पीएलवी) का प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार तीसरे दिन आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पीएलवी को न्यायिक प्रणाली में उनकी भूमिका के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
पीएलवी की भूमिका न्यायपालिका की रीढ़
कार्यक्रम के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने पीएलवी की भूमिका को न्यायपालिका की रीढ़ बताते हुए कहा कि पैरा लीगल वॉलिंटियर्स न्यायिक व्यवस्था और आम जनता के बीच एक कड़ी के रूप में काम करते हैं। पीएलवी का काम न्याय दिलाने में मदद करना है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देना है। उन्होंने बताया कि पीएलवी को प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मार्ग पर चलते हुए विधिक सहायता मुहैया करानी होती है, जिससे समाज के कमजोर और गरीब वर्गों को न्याय सुलभ हो सके।
निशुल्क विधिक सहायता के प्रति जागरूकता
शेष नाथ सिंह ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ द्वारा दी जाने वाली निशुल्क सहायता की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाना पीएलवी का मुख्य दायित्व है। इसके लिए पीएलवी को ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलानी होगी ताकि गरीब और जरूरतमंद लोग आसानी से न्याय प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि पीएलवी को जनता के छोटे-छोटे विवादों को प्रारंभिक स्तर पर ही आपसी बातचीत के माध्यम से सुलझाने के प्रयास करने चाहिए, जिससे बड़े विवादों को रोका जा सके।
एफआईआर और कानूनों की जानकारी दी गई
कार्यक्रम में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद ने पीएलवी को एफआईआर से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे एफआईआर दर्ज की जाती है और इसका कानूनी महत्व क्या होता है। उन्होंने पीएलवी से अपील की कि वे आम जनता के हितों के लिए निःस्वार्थ और समर्पित भाव से काम करें और न्याय की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने में मदद करें। इसके साथ ही उन्होंने पीएलवी को आम लोगों को विधिक रूप से जागरूक करने और सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए मार्गदर्शन दिया।
सचिव द्वारा पीएलवी की भूमिका पर विस्तृत चर्चा
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया ने पीएलवी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पीएलवी जनता तक त्वरित न्याय पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि पीएलवी के माध्यम से गरीब और असहाय लोग भी न्याय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएलवी को ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में निशुल्क कानूनी सहायता के प्रति जागरूकता फैलानी होगी, ताकि न्याय हर वर्ग तक पहुंच सके।
विभिन्न कानूनों की पुस्तिका का वितरण
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नव चयनित पैरा लीगल वॉलिंटियर्स को विभिन्न कानूनी पुस्तिकाएं और जानकारी प्रदान की गईं। इसमें समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, भरण पोषण, अंतःराज्य प्रवासी श्रमिक नियोजन अधिनियम 1979, कामगार दुर्घटना मुआवजा, मोटर दुर्घटना मुआवजा, कामकाजी महिलाओं के अधिकार, गर्भपात और लिंग जांच कानून, बाल श्रम विनियमन अधिनियम 1986, बाल विवाह कानून, बंधुआ मजदूरी और ठेका श्रम से संबंधित कानून शामिल हैं।
पीएलवी के दायित्व और भविष्य की दिशा
कार्यक्रम के समापन पर पीएलवी को ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय सुलभ कराने और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। उन्हें बताया गया कि न्यायपालिका और प्रशासन के बीच वे एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेंगे, जिससे गरीबों और वंचितों को न्याय मिलने की प्रक्रिया सुगम हो सकेगी। पीएलवी को न्यायिक सेवाओं के प्रति जागरूकता फैलाने का जिम्मा सौंपा गया, जिससे जनता को सही और त्वरित न्याय मिल सके।
इस कार्यक्रम में शामिल पीएलवी ने भी अपने दायित्वों को लेकर जागरूकता दिखाई और भविष्य में न्यायिक सेवाओं में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से पीएलवी को न केवल न्यायिक प्रक्रिया की समझ मिली, बल्कि उन्हें अपने क्षेत्र में विधिक सेवाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी प्राप्त हुए।