पाकुड़। जिले के सभी बूथों पर भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों के विभिन्न पदाधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 114वें “मन की बात” कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखा और सुना। इस कार्यक्रम में प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी, जिला अध्यक्ष अमृत पांडेय, पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन, पूर्व विधायक वेणी प्रसाद गुप्ता, महेशपुर विधानसभा प्रभारी बलराम दुबे समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने इस कार्यक्रम को आत्मसात किया और प्रधानमंत्री की बातों को सराहा।
प्रधानमंत्री ने मन की बात की यात्रा को याद किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि 3 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन शुरू हुआ “मन की बात” कार्यक्रम अब 10 साल पूरे करने जा रहा है। उन्होंने इस यात्रा को नवरात्रि के पहले दिन का एक खास उपहार बताया और कहा कि श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं। उन्होंने कहा कि “मन की बात” ने साबित किया है कि देश के लोगों में सकारात्मक जानकारी की भूख कितनी अधिक है। लोगों ने इस कार्यक्रम में प्रेरणा, सकारात्मक ऊर्जा, और देश के गौरवगाथाओं को बहुत गर्व से सुना है।
चकोर पक्षी से की श्रोताओं की तुलना
प्रधानमंत्री ने कहा कि “मन की बात” में देशवासियों की सामूहिक उपलब्धियों को दर्शाते हुए चकोर पक्षी से श्रोताओं की तुलना की, जो केवल वर्षा की बूंदों का सेवन करता है। इसी तरह, लोगों ने इस कार्यक्रम में देश की उपलब्धियों और सफलताओं को बहुत गर्व से सुना है। “मन की बात” की 10 साल की यात्रा ने हर एपिसोड के साथ नए कीर्तिमान और व्यक्तित्वों को जोड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे इस कार्यक्रम के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ते हैं, तो उन्हें गर्व होता है और वह इसे ईश्वर दर्शन जैसा मानते हैं।
22 भाषाओं में मन की बात का प्रसारण
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम को प्रसारित करने में दूरदर्शन और प्रसार भारती का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को देश की 22 भाषाओं और 12 विदेशी भाषाओं में भी सुना जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पूरे देश और दुनिया में लोगों को जोड़ने का एक माध्यम बन गया है।
मन की बात में विशेष विषयों पर चर्चा
प्रधानमंत्री ने “मन की बात” कार्यक्रम में MyGov.in पर आधारित क्विज प्रतियोगिता, जल-संरक्षण अभियान Catch the Rain, और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की महिलाओं द्वारा जल सहेली बनाकर किए गए सफल प्रयासों पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में महिलाओं द्वारा जल संरक्षण के साथ मछली पालन के व्यवसाय, उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धन्यवाद प्रकृति अभियान और स्वच्छ भारत मिशन पर भी अपने विचार साझा किए।
संथाली भाषा में टाइपिंग की तकनीक
प्रधानमंत्री ने संथाली भाषा की लिपि ओल चिकी अक्षरों में ऑनलाइन टाइपिंग की तकनीक विकसित करने वाले रामजीत टुडू की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वेस्ट टु वेल्थ यानी व्यर्थ छोड़ी गई चीजों को पुनः उपयोगी बनाने और विरासतों पर गर्व करने की भावना पर जोर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने अमेरिका से वापस लाई गईं 300 प्राचीन भारतीय कलाकृतियों का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने दिए शुभकामनाएं
अंत में, प्रधानमंत्री ने देशवासियों को आगामी त्योहारों के लिए ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि अगले “मन की बात” कार्यक्रम में वह फिर से देश की बात करने का भरोसा देते हैं।