पाकुड़। गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर पाकुड़ पॉलिटेक्निक में जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. मंटू कुमार टेकरीवाल, सिविल सर्जन, पाकुड़ ने किया।
अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. टेकरीवाल ने पाकुड़ पॉलिटेक्निक की इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के रक्तदान शिविर अधिक से अधिक आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि पाकुड़ पॉलिटेक्निक सामाजिक प्रगति की दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है और उन्होंने इस प्रयास के लिए सभी संबंधितों का आभार व्यक्त किया। साथ ही, रक्तदाताओं, चिकित्सकों और मीडिया कर्मियों के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
रक्तदान में कॉलेज के स्टाफ और छात्रों की भागीदारी
रक्तदान शिविर में स्वयंसेवकों का नेतृत्व कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ऋषिकेश गोस्वामी, प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्र, और परीक्षा नियंत्रक अमित रंजन ने किया। शिविर सुबह 10 बजे से शाम 2 बजे तक चला, जिसमें लगभग 50 से अधिक छात्रों और कॉलेज स्टाफ ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान कुल 10 यूनिट रक्त का दान हुआ, जिसमें छात्रों के साथ ही फैकल्टी और स्टाफ ने भी भाग लिया।
कॉलेज निदेशक और शासी निकाय की भूमिका
संस्थान के निदेशक अभिजीत कुमार, आमिया रंजन बड़ाजेना, और शासी निकाय की सदस्य रेणुका यशस्वी, जो नियमित रक्तदाता हैं, ने भी इस शिविर में हिस्सा लिया। श्री कुमार ने कहा कि रक्तदान एक महान कार्य है और इस तरह के शिविरों का आयोजन हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि कॉलेज प्रबंधन भविष्य में भी इसी तरह के शिविर आयोजित करता रहेगा ताकि सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति छात्रों में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
छात्रों में सामाजिक संवेदनशीलता का विकास
कॉलेज प्रबंधन ने इस अवसर पर बताया कि वे अपने छात्रों को सामाजिक संवेदनशीलता विकसित करने और युवाओं के बीच रक्तदान अभियान की आवश्यकता के प्रति जागरूक बनाने में विश्वास करते हैं। यह पहल निश्चित रूप से भारत में रक्त की कमी की समस्या को हल करने का एक प्रभावी तरीका है। इस तरह के कार्यक्रम समाज में एक सकारात्मक संदेश देते हैं और युवाओं को प्रेरित करते हैं।
रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया गया
शिविर में भाग लेने वाले डॉक्टरों ने रक्तदान से जुड़े भ्रांतियों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि आम लोगों में यह भ्रम है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आ जाती है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। डॉक्टरों ने बताया कि रक्तदान से कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि इसे नियमित रूप से 56 दिनों में एक बार करना चाहिए। इससे न केवल जरूरतमंदों को मदद मिलती है बल्कि रक्तदाता का शरीर भी स्वस्थ रहता है।
प्रशासनिक पदाधिकारी ने शिविर की शुरुआत की
संस्थान के मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्र ने सबसे पहले रक्तदान कर इस शिविर का शुभारंभ किया। उनके बाद कॉलेज के प्राचार्य, परीक्षा नियंत्रक और अन्य शिक्षकों ने भी रक्तदान कर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई।
छात्रों और शिक्षकों का उत्साहपूर्ण योगदान
इस शिविर में कई छात्रों ने स्वेच्छा से भाग लिया। रुएल सोरेन, उज्ज्वल कुमार, दीपक हेम्ब्रम, प्रबीर अहीर सहित अन्य कई छात्रों ने रक्तदान किया और भविष्य में भी इस नेक कार्य को जारी रखने की बात कही। शिक्षकों और कर्मचारियों में निखिल चंद्र, सुदीप्तो दास, राहुल श्रीवास्तव, कृष्णेन्दू बागची, और जॉय सरकार ने भी रक्तदान किया, जिससे इस शिविर को और सफल बनाया गया।
इस प्रकार, पाकुड़ पॉलिटेक्निक का यह रक्तदान शिविर समाज के प्रति कॉलेज की सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भविष्य में भी इसी तरह की पहल कर कॉलेज युवाओं में सामाजिक सेवा और राष्ट्र निर्माण की भावना को और अधिक प्रबल करेगा।