पाकुड़। सदर अस्पताल में 7 अक्टूबर 2024 को एक गंभीर घटना सामने आई, जहां मरीज के परिजनों ने अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉ. आनंद और डॉ. शाहरुख के साथ मारपीट की। यह घटना तब घटी जब अस्पताल में एक मरीज को भर्ती किया गया, जिसे एडवांस स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर था, जो लीवर और फेफड़ों में फैल चुका था। मरीज की हालत गंभीर थी और उसे पेट में एसाइटिस का पानी भी था।
गंभीर स्वास्थ्य समस्या और चिकित्सकों की कोशिशें
मरीज को दिन के 11:00 बजे भर्ती किया गया था, और चिकित्सकों ने उसके लिए सभी आवश्यक सपोर्टिव इलाज प्रदान किए। हालांकि, शाम 3:00 बजे तक चिकित्सकों की सारी कोशिशों के बावजूद मरीज को बचाया नहीं जा सका। मरीज की असामयिक मृत्यु ने उसके परिजनों को बहुत दुखी और गुस्सा कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों के साथ हिंसा का सहारा लिया।
आरोपी परिजनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने घटना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके साथ ही, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा गया। बावजूद इसके, 48 घंटों के बीत जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, जिससे चिकित्सकों के बीच रोष और भय का माहौल व्याप्त हो गया है।
झासा की प्रतिक्रिया और कार्य बहिष्कार का ऐलान
इस घटना के बाद झासा (झारखंड स्टेट हेल्थ एसोसिएशन) की राज्य इकाई ने इसे प्रशासन की विफलता बताया है। राज्य इकाई के निर्देश के अनुसार, स्थानीय झासा और आई एम ए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने कल से पाकुड़ जिला के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा की है।
सरकार का अल्टीमेटम
राज्य शासन ने स्पष्ट किया है कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी 24 घंटे के अंदर नहीं हुई, तो 11 अक्टूबर 2024 से पूरे राज्य के सभी सरकारी चिकित्सक और अस्पताल अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे। इस कार्य बहिष्कार के दौरान अस्पतालों की सभी सेवाएं ठप रहेंगी, सिवाय इमरजेंसी सेवाओं के, जो पूर्व की तरह चालू रहेंगी।
प्रशासन की जिम्मेदारी
इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। डॉक्टरों के प्रति बढ़ती हिंसा और प्रशासनिक लापरवाही से चिकित्सकों में असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो रहा है, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चिंताजनक है। डॉ. ठाकुर मृत्युंजय सिंह, राज्य सचिव, झासा, ने यह विज्ञप्ति डॉक्टर मनीष कुमार के माध्यम से जारी की है, जिसमें उन्होंने सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की है।