Sunday, November 24, 2024
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पूर्व सांसदों और विधायकों की पेंशन बंद करने की मांग, कांग्रेस प्रदेश महासचिव उदय लखमानी ने पत्र लिखा

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पाकुड़। बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश महासचिव उदय लखमानी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए एक अहम मुद्दा उठाया है। उन्होंने देश के लोकसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, एवं संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि देश में पूर्व सांसदों और विधायकों को मिलने वाली आजन्म पेंशन सहित अन्य सुविधाओं को बंद किया जाए। उनका मानना है कि इस कदम से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और इस राशि का बेहतर उपयोग देश के विकास और गरीब जनता की भलाई के लिए किया जा सकेगा।

पेंशन से हो रहा राजस्व का व्यय

उदय लखमानी ने अपने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि भारत में लाखों की संख्या में पूर्व सांसद और विधायक इस पेंशन योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। उनके अनुसार, इनमें से अधिकतर सांसद और विधायक आर्थिक रूप से सक्षम और संपन्न होते हैं, और उन्हें पेंशन देने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनका कहना है कि अगर यह पेंशन योजना बंद कर दी जाए, तो इस बचत से देश के राजकोष में एक बड़ा योगदान होगा, जिसे जनकल्याणकारी योजनाओं और विकासशील परियोजनाओं पर खर्च किया जा सकता है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब देश के किसान, मजदूर और अन्य निम्न वर्ग के लोगों को पेंशन जैसी सुविधाएं नहीं मिलती हैं, तो आर्थिक रूप से संपन्न पूर्व सांसदों और विधायकों को इस प्रकार की सुविधाएं क्यों दी जा रही हैं? उनके अनुसार, यह पेंशन राशि देश की गरीब जनता, किसान, मजदूर और सैनिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए खर्च होनी चाहिए।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सांसद और विधायक देश सेवा के नाम पर निर्वाचित होते हैं, और उन्हें इस सेवा के लिए पेंशन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों और विधायकों को संसदीय कार्यकाल के दौरान वेतन और सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें आजीवन पेंशन देना न्यायसंगत नहीं है। उनके अनुसार, यह पेंशन योजना देश के विकास में बाधक है और इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

लखमानी ने यह भी बताया कि इस प्रकार की पेंशन व्यवस्था को समाप्त करने से देश की आर्थिक शक्ति में वृद्धि होगी और इससे भारत अधिक शक्तिशाली एवं विकासशील राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से राजकोष में बड़ी मात्रा में धनराशि जमा होगी, जिसे देश के गरीबों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

भावुक अपील

उदय लखमानी ने पत्र में प्रधानमंत्री से भावुक अपील करते हुए कहा कि पूर्व सांसदों और विधायकों को दी जाने वाली पेंशन और अन्य सुविधाओं को बंद करने के लिए संसद में एक विधेयक लाया जाए और इसे सर्वसम्मति से पारित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की पेंशन व्यवस्था को समाप्त करना आवश्यक है ताकि इस राशि का उपयोग देश के गरीब किसान, मजदूर और सैनिकों के लिए किया जा सके। उनका कहना है कि देश की सुरक्षा और आर्थिक प्रगति के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

लखमानी ने यह भी कहा कि अगर यह पेंशन राशि गरीबों के कल्याण में लगाई जाती है, तो इससे उनके जीवन में खुशहाली आएगी। उन्होंने इस मुद्दे को बड़े भावुकता और दुख के साथ उठाया और कहा कि देश के विकास और प्रगति के लिए इस कदम की आवश्यकता है।

पेंशन के खिलाफ बढ़ता जनमत

यह मुद्दा पिछले कुछ समय से विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर उठाया जा रहा है कि क्यों संपन्न और समृद्ध सांसदों और विधायकों को पेंशन मिलनी चाहिए। इस मुद्दे पर उदय लखमानी के बयान से यह स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस के भीतर भी इस मुद्दे पर एक राय बन रही है कि इस प्रकार की पेंशन व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पैसा देश के गरीब तबके, किसानों, मजदूरों और सेना के जवानों की भलाई के लिए अधिक उपयोगी होगा। लखमानी के इस बयान ने एक बार फिर इस मुद्दे को राष्ट्रीय पटल पर ला खड़ा किया है और यह देखने वाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

उदय लखमानी के इस बयान के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राजनीतिक दल और सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। कुछ राजनीतिक दल पहले ही इस मुद्दे पर पेंशन बंद करने की मांग उठा चुके हैं, लेकिन इस पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

लखमानी का यह बयान उस वक्त आया है जब देश में कई अन्य आर्थिक सुधारों पर चर्चा चल रही है। ऐसे में यह संभव है कि सरकार इस मुद्दे पर विचार करके कुछ नीतिगत फैसले ले सकती है।

उदय लखमानी के बयान ने देश में पूर्व सांसदों और विधायकों की पेंशन व्यवस्था पर एक बार फिर से बहस को जन्म दिया है। अगर इस पेंशन व्यवस्था को बंद किया जाता है, तो इससे न केवल देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि इससे गरीब और वंचित तबके के लोगों के जीवन में भी सुधार हो सकेगा।

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