महेशपुर। कृषि विज्ञान केंद्र महेशपुर में बुधवार को प्रगतिशील किसानों के साथ एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों की उत्पादकता में वृद्धि और उनकी आय को दुगुना करने के प्रयासों पर जोर देना था।
किसानों का सम्मान करें और मास्टर ट्रेनर बनें
उपायुक्त मनीष कुमार ने इस कार्यशाला में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में किसानों का विशेष स्थान है, क्योंकि वे उन फसलों का उत्पादन करते हैं जिनका उपयोग हर व्यक्ति करता है। उन्होंने कहा कि हर किसान का सम्मान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की कि वे मास्टर ट्रेनर के रूप में काम करें और अन्य किसानों को भी प्रेरित करें ताकि क्षेत्र में खेती की पैदावार और आय में वृद्धि हो सके।
आय बढ़ाने के लिए विविध फसल उत्पादन पर जोर
उपायुक्त मनीष कुमार ने किसानों से कहा कि वे केवल अनाज पर निर्भर न रहें, बल्कि टमाटर, आम, मशरूम और मोटे अनाज जैसी फसलों का भी उत्पादन करें, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया ताकि खेती की उत्पादकता में सुधार हो और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आए।
किसानों को मोमेंटो और शाल देकर सम्मानित किया गया
कार्यशाला में उपायुक्त मनीष कुमार ने किसानों को सम्मानित करते हुए उन्हें मोमेंटो और शाल प्रदान किए। उन्होंने कहा कि जिले में कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि उन्हें कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों और उन्नत कृषि प्रणाली की जानकारी प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में बढ़ोतरी हो सके।
प्रगतिशील किसानों ने साझा किए अपने अनुभव
इस कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रगतिशील किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए। सब्जी उत्पादन, फूल उत्पादन, मशरूम उत्पादन, आलू, बैंगन, टमाटर और सूरजमुखी जैसे फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों ने अपने अनुभव बताए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्नत तकनीकों और विविध फसलों के उत्पादन से उनकी आय में वृद्धि हुई है।
डॉ संजय कुमार ने दी कृषि तकनीकों की जानकारी
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रधान डॉ संजय कुमार ने किसानों को फॉर्म समेकित कृषि प्रणाली, धान उत्पादन, अजोला, केचुआ खाद, हल्दी, अरहर और शुकर पालन इकाई के लाभों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इन कृषि प्रणालियों का उपयोग करके किसान अपनी पैदावार और आय में सुधार कर सकते हैं।
सिंचाई जल प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर
जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार ने सिंचाई जल प्रबंधन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रबी मौसम में सिंचाई जल की आवश्यकता होती है, जिसकी कमी किसानों को अक्सर महसूस होती है। उन्होंने उपायुक्त का ध्यान इस समस्या की ओर आकर्षित किया और सुझाव दिया कि सिंचाई जल प्रबंधन में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
किसानों को स्वीप कार्यक्रम के तहत चुनाव में भागीदारी के लिए प्रेरित किया गया
उपायुक्त मनीष कुमार ने स्वीप कार्यक्रम के तहत किसानों को आगामी विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने और दूसरों को भी प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने वोटर हेल्पलाइन एप, सक्षम एप और सी विजिल एप को डाउनलोड करवाया और बताया कि इन एप्स के माध्यम से वे चुनाव में अपनी भागीदारी को सुनिश्चित कर सकते हैं।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया
इस कार्यशाला में जिले के सभी छह प्रखंडों के प्रगतिशील किसान, सहायक तकनीकी प्रबंधक, कृषि विज्ञान केंद्र पाकुड़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रधान डॉ संजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार और जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार उपस्थित रहे। कार्यशाला में किसानों ने न केवल अपने अनुभव साझा किए, बल्कि नई कृषि तकनीकों और नीतियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
रबी फसल के लिए महत्वपूर्ण चर्चाएँ
कार्यशाला का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य आगामी रबी फसल के बारे में विचार-विमर्श करना और किसानों को इस फसल की तैयारी के लिए प्रेरित करना था। उपायुक्त ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र और जिला प्रशासन मिलकर किसानों के साथ काम करेंगे ताकि रबी फसल की तैयारी सुचारू रूप से हो सके और फसल की पैदावार में वृद्धि हो।
कृषि के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन
कार्यशाला में किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और उन्नत प्रथाओं के बारे में जानकारी दी गई। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर उत्पादन विधियों से अवगत कराना था, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को और उन्नत बना सकें। इस कार्यशाला में कृषि के क्षेत्र में नवाचार और किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर भी जोर दिया गया।
उत्पादकता बढ़ाने के लिए कदम
कृषि विज्ञान केंद्र महेशपुर की इस कार्यशाला में किसानों को उनके फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों और तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य किसानों की उत्पादकता के साथ उनकी आय में वृद्धि करना है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।
इस कार्यशाला के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया कि प्रशासन और कृषि विभाग मिलकर किसानों की मदद के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इससे किसानों को न केवल कृषि के उन्नत तरीकों की जानकारी मिलेगी, बल्कि उनकी आय भी दोगुनी करने में सहायता मिलेगी।