पाकुड़। समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य साइबर फ्रॉड के प्रकार, उनकी रोकथाम और बचाव के उपायों के साथ-साथ वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना था। कार्यशाला में जिला स्तरीय पदाधिकारियों और समाहरणालय के कर्मियों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं, जो कि उनकी दैनिक कार्यशैली और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
विधानसभा आम चुनाव 2024 के लिए दिशा-निर्देश
कार्यशाला के दौरान, उपायुक्त मनीष कुमार ने विधानसभा आम चुनाव 2024 के लिए सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के सफल संचालन के लिए टीम वर्क की आवश्यकता होती है, और सभी कर्मियों को चुनाव मोड में रहने की सलाह दी। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर अपने-अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करें ताकि चुनावी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के संपन्न हो सके।
स्वीप कार्यक्रम के तहत एप्स की जानकारी
इस कार्यशाला में स्वीप कार्यक्रम के तहत सभी उपस्थितों को वोटर हेल्पलाइन एप, सी विजिल एप और सक्षम एप डाउनलोड करने के निर्देश दिए गए। इन एप्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिससे चुनाव के दौरान बेहतर मॉनिटरिंग और वोटरों की सहायता की जा सके। ये एप्स न केवल चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएंगे, बल्कि नागरिकों को भी उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करेंगे।
वित्तीय साक्षरता पर विस्तृत चर्चा
कार्यशाला में वित्तीय साक्षरता सलाहकार विनोद कुमार ने जिले के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को वित्तीय साक्षरता के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यदि हम जागरूक रहें और किसी भी प्रकार के लालच में न आएं, तो साइबर अपराधियों से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि बैंक कभी भी पासवर्ड या गोपनीय जानकारी नहीं मांगते हैं। इसी तरह, विद्युत निगम के कर्मचारी बिना पूर्व सूचना के रात में कनेक्शन काटने की धमकी नहीं देते। उन्होंने उपस्थितों को जानकारी दी कि बिना टिकट लॉटरी नहीं निकलती और अनायास ही किसी के खाते में पैसा नहीं आ सकता।
विनोद कुमार ने कहा कि सरकार ने सभी खातों पर मजबूत सुरक्षा लॉक लगाया है, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है। लेकिन नागरिकों की जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। वित्तीय साक्षरता के माध्यम से लोग न केवल अपनी वित्तीय सुरक्षा बढ़ा सकते हैं, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैला सकते हैं।
साइबर फ्रॉड की रोकथाम पर जोर
इस कार्यशाला का एक और मुख्य बिंदु साइबर फ्रॉड से बचाव के उपायों पर चर्चा करना था। इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करते समय साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। विनोद कुमार ने बताया कि जिन लोगों के पास वेब खातों तक पहुंच है, उन्हें संदिग्ध गतिविधियों से सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने उपस्थितों को साइबर अपराधों के प्रकार और उनसे बचने के उपायों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए हमें अपने डिजिटल उपकरणों को सुरक्षित रखना चाहिए, पासवर्ड को मजबूत रखना चाहिए और संदिग्ध ईमेल या लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, नियमित रूप से सॉफ़्टवेयर अपडेट करना और संवेदनशील जानकारी को साझा न करना भी महत्वपूर्ण है।
उपायुक्त ने दी साइबर सुरक्षा की सलाह
उपायुक्त मनीष कुमार ने भी साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति, संगठन या सरकारी खातों तक पहुंच रखने वालों को संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सावधान रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की वित्तीय या व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी छोटी सी लापरवाही का फायदा उठाकर लोगों को ठग सकते हैं, इसलिए जागरूकता और सतर्कता सबसे जरूरी है।
कार्यशाला में वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, परियोजना निदेशक आईटीडीए अरुण कुमार एक्का, जिला परिवहन पदाधिकारी संजय पीएम कुजूर, जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज, जिला शिक्षा पदाधिकारी अनीता पूर्ति समेत अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं समाहरणालय के कर्मी उपस्थित थे। सभी ने कार्यशाला के दौरान दी गई जानकारी को गंभीरता से लिया और इसे अपने कार्यक्षेत्र में लागू करने की बात कही।
आगे की रणनीति
कार्यशाला के समापन पर, उपायुक्त मनीष कुमार ने सभी उपस्थितों से कहा कि वे अपनी डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करें और साइबर अपराधों से बचने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए सभी पदाधिकारियों को एकजुट होकर काम करना होगा, और इसके साथ ही नागरिकों को साइबर अपराध और वित्तीय साक्षरता के प्रति जागरूक बनाना भी आवश्यक है।
इस कार्यशाला के माध्यम से सभी उपस्थितों को न केवल साइबर सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली, बल्कि उन्हें आगामी चुनावों के सफल संचालन के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त हुए।