Saturday, November 23, 2024
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सदर अस्पताल में डॉक्टरों पर हमले के बाद जिला प्रशासन ने दी चेतावनी, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

आम जनता को प्रशासन की सख्त चेतावनी

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पाकुड़। जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे सदर अस्पताल परिसर में कानून को अपने हाथ में न लें और किसी भी प्रकार की मारपीट या तोड़फोड़ की घटना को अंजाम न दें।

उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि अस्पताल में डॉक्टरों के साथ हिंसा करने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देती हैं बल्कि समाज के लिए भी हानिकारक हैं। प्रशासन ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है।

मंजू देवी के निधन के बाद हिंसा

घटना 7 अक्टूबर 2024 को हुई, जब मंजू देवी, जो पिछले पांच वर्षों से कैंसर से पीड़ित थीं, को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज शुरू होने से पहले ही मंजू देवी का दुखद निधन हो गया। इसके बाद, उनके परिजन आवेश में आ गए और उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों के साथ मारपीट और तोड़फोड़ की। इस अप्रिय घटना ने अस्पताल में भय और अफरा-तफरी का माहौल बना दिया।

आरोपियों पर केस दर्ज, मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार

इस घटना के बाद, डॉ. आनंद कुमार द्वारा पाकुड़ नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। इस आधार पर पाकुड़ नगर थाना कांड सं- 255/2024, दिनांक 07.10.2024, भारतीय दंड संहिता की धारा 132, 351(2), 115(2), 324(2), 109(1), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच के दौरान, विजय साहा, उम्र 48 वर्ष, पिता स्व. मोतीलाल साहा, निवासी ग्राम- करियोडीह, थाना- लिट्टीपाड़ा, जिला पाकुड़ को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि विजय साहा को न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया की जा रही है।

उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक की स्थिति का जायजा

घटना की जानकारी मिलते ही, पाकुड़ के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से सदर अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में तैनात सभी डॉक्टरों, थाना प्रभारी, एसडीओ और एसडीपीओ के साथ बैठक की। बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

अस्पताल की सुरक्षा के लिए प्रशासन का कदम

अस्पताल में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने सदर अस्पताल में एक पुलिस पिकेट स्थापित करने का निर्देश दिया। इस पिकेट पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा, पुलिस गश्ती बल द्वारा अस्पताल परिसर की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन की इस त्वरित प्रतिक्रिया से अस्पताल कर्मचारियों और डॉक्टरों को राहत मिली है।

भविष्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अस्पताल में किसी प्रकार की अव्यवस्था और कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी तरह से सतर्क है। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ, अस्पताल में नियमित गश्त और सुरक्षा के अन्य उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। प्रशासन ने कहा कि वह ऐसे किसी भी प्रयास को विफल करेगा जो स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने की कोशिश करेगा।

इस घटना से जुड़े अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की जाएगी और प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।

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