पाकुड़। सदर अस्पताल सोनाजोड़ी में इलाजरत 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला अंजना का हीमोग्लोबिन अत्यधिक कम हो गया था, जिससे उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। डॉक्टरों ने तत्काल ओ पॉजिटिव रक्त की जरूरत बताई, लेकिन उनके परिवार द्वारा किए गए कई प्रयासों के बावजूद रक्त की व्यवस्था नहीं हो पाई। इसी बीच, ईशाकपुर से एक अन्य मरीज को भी इलाज के लिए ए बी पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता थी, परंतु उसके परिजन भी रक्त का इंतजाम करने में असमर्थ रहे।
इंसानियत फाउंडेशन की मदद से मिली राहत
दोनों ही मामलों में परिवारों ने निराशा में इंसानियत फाउंडेशन से मदद की गुहार लगाई। फाउंडेशन के सचिव बानिज शेख और सक्रिय सदस्य नबाब शेख ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और रक्तदाताओं का इंतजाम किया। फाउंडेशन ने रक्तदान के लिए मोसारफ शेख और मुंफाजूर शेख को तैयार किया। मोसारफ शेख, जो बल्लावपुर से आए थे, ने बी पॉजिटिव रक्त 8वीं बार दान किया, जबकि मुंफाजूर शेख ने ईशाकपुर के मरीज के लिए ए बी पॉजिटिव रक्त प्रदान किया।
रक्तदान ने बचाई मरीजों की जान
रक्त की उपलब्धता होते ही, दोनों मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक हो सका। दोनों मरीजों के परिजनों ने इंसानियत फाउंडेशन और रक्तदाताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि उनके प्रियजनों की जान बचाने में इनका योगदान अतुलनीय है। परिजनों ने रक्तदाताओं के लिए ढेर सारी दुआएं दीं और उनकी सराहना की।
युवा पीढ़ी को रक्तदान के लिए प्रेरित किया
रक्तदान करने के बाद, मोसारफ शेख और मुंफाजूर शेख ने कहा कि रक्तदान करके उन्हें बेहद अच्छा महसूस हो रहा है। उन्होंने युवा पीढ़ी से अपील की कि वे भी इसी तरह से आगे आकर रक्तदान करें और इंसानियत फाउंडेशन के माध्यम से समाज की सेवा करें। उन्होंने कहा, “जिस तरह इंसानियत फाउंडेशन युवाओं को जागरूक कर रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहा है, वह सराहनीय प्रयास है। मैं भी इसी तरह से लोगों की निस्वार्थ सेवा करता रहूंगा।”
घटना स्थल पर प्रमुख लोग उपस्थित
इस मौके पर संस्था के सचिव बानिज शेख, सक्रिय सदस्य नबाब शेख, हबील शेख, अस्पताल के कर्मचारी नवीन कुमार और पियूष दास भी मौजूद थे। सभी ने इस सफल रक्तदान अभियान की सराहना की और रक्तदाताओं को धन्यवाद दिया।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि रक्तदान से न केवल जरूरतमंदों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि समाज में एकजुटता और सेवा भावना भी बढ़ती है। इंसानियत फाउंडेशन जैसी संस्थाएं इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, और इस तरह के प्रयास समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने में सहायक सिद्ध होते हैं।