Friday, October 18, 2024
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चुनाव प्रचार सामग्री पर विधि व्यवस्था को लेकर उपायुक्त का सख्त निर्देश

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पाकुड़। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त मनीष कुमार ने शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में विधानसभा आम चुनाव 2024 के मद्देनजर जिले के प्रिंटिंग प्रेस प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों पर चर्चा की और कहा कि सभी प्रिंटिंग प्रेस को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा। विशेष रूप से उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रचार सामग्री पर प्रिंटिंग प्रेस का नाम, प्रचार सामग्री की संख्या, और पूरा पता स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए।

विधि व्यवस्था बनाए रखने की अपील

उपायुक्त ने विधि व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीरता दिखाई और कहा कि ऐसी कोई प्रचार सामग्री प्रिंट नहीं की जानी चाहिए जिससे जिले में किसी प्रकार की अशांति या अव्यवस्था उत्पन्न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसी कोई सामग्री प्रिंट की जाती है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह आवश्यक है कि हर प्रचार सामग्री समाज और कानून के अनुसार हो ताकि विधानसभा चुनाव के दौरान शांति बनी रहे।

मुद्रण से पहले लिखित अनुमति अनिवार्य

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उपायुक्त ने प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि हर प्रचार सामग्री के प्रिंटिंग से पहले संबंधित उम्मीदवार से लिखित अनुमति प्राप्त की जाए। इस अनुमति पत्र पर दो व्यक्तियों के पहचानकर्ता और साक्षी के रूप में हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया चुनावी प्रचार सामग्री की वैधता सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या गलतफहमी से बचा जा सके।

आदर्श आचार संहिता का पालन करें

बैठक में उपायुक्त ने सभी प्रतिनिधियों को आदर्श आचार संहिता की जानकारी भी दी और उनसे आह्वान किया कि वे हर नियम का सख्ती से पालन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, इसलिए सभी को निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप काम करना होगा। आदर्श आचार संहिता चुनाव के दौरान समानता, पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है, और इसका पालन सभी के लिए आवश्यक है।

चुनाव प्रचार में सावधानी बरतने की आवश्यकता

उपायुक्त ने जोर देकर कहा कि चुनावी प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए प्रिंटिंग प्रेस प्रतिनिधियों की भूमिका बेहद अहम है। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी ऐसा कदम न उठाया जाए जो चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करे या चुनाव में कोई गड़बड़ी पैदा हो।

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