पाकुड़। नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में पाकुड़ मंडलकारा में किशोर न्याय प्रणाली पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेष नाथ सिंह के निर्देश पर किया गया। इसका उद्देश्य जेल में बंदियों को किशोर न्याय से संबंधित जानकारी प्रदान करना था, जिससे वे इस प्रणाली की अहमियत को समझ सकें और इससे लाभान्वित हो सकें।
किशोर न्याय प्रणाली पर विशेष जानकारी
कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ़ सुबोध कुमार दफादार ने 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों के लिए बनाए गए किशोर न्याय प्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिन किशोरों का क़ानूनी विवाद से टकराव होता है, उन्हें किशोर न्याय बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वहीं, जिन किशोरों को देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता होती है, उनके मामलों को बाल कल्याण समिति द्वारा संभाला जाता है। उन्होंने बंदियों के हित में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं, जिससे वे किशोरों के अधिकारों और न्याय प्रणाली के महत्व को समझ सकें।
किशोरों के हित में न्याय प्रणाली
कार्यक्रम में डिप्टी चीफ मो. नुकुमुद्दिन शेख ने भी किशोर न्याय प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली समय के साथ और भी अधिक उत्तरदायी बनी है और समाज की बदलती परिस्थितियों के अनुसार इसे बेहतर किया गया है। उन्होंने कहा कि किशोर न्याय प्रणाली का उद्देश्य केवल अपराधियों को दंड देना नहीं है, बल्कि उन्हें देखभाल, कल्याण, शिक्षा, रखरखाव, और पुनर्वास प्रदान करना भी है। इस प्रणाली के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि किशोरों को एक दूसरा अवसर मिल सके और वे अपने जीवन को सुधार सकें।
किशोर अपराधियों का पुनर्वास
अजफ़र हुसैन विश्वास और गंगाराम टुडू, जो कि लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के सहायक हैं, ने संयुक्त रूप से किशोर न्याय प्रणाली की संरचना और प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किशोर न्याय प्रणाली का मुख्य उद्देश्य युवा अपराधियों का पुनर्वास करना है। यह प्रणाली उन्हें गलतियों से सीखने और एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर होने का अवसर देती है। इसका आधार यह है कि बच्चों का मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित नहीं होता है और उनमें सही-गलत की पूरी समझ नहीं होती। इस कारण, उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिए पुनर्वास कार्यक्रम की आवश्यकता होती है।
किशोर न्याय अधिनियम और कानूनी जानकारी
कार्यक्रम के दौरान किशोर न्याय प्रणाली से जुड़े अधिनियम और अन्य कानूनी जानकारियाँ भी साझा की गईं। यह बताया गया कि कई बार किशोरों की गलत दिशा में जाने की वजह उनके माता-पिता द्वारा उचित पालन-पोषण न करना होता है। इसके अलावा, घरेलू हिंसा की घटनाएँ भी उन्हें अपराध की ओर धकेलती हैं। इसलिए किशोर न्याय प्रणाली का एक और उद्देश्य उनके परिवारिक वातावरण को भी सुधारने का प्रयास करना है, जिससे किशोरों को सही मार्गदर्शन मिल सके।
अन्य प्रमुख अधिकारी और प्रतिभागी
इस कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ संजीव कुमार, मंडल जेल के प्रशासनिक अधिकारी, पीएलवी पिंकी मंडल, उत्पल मंडल, और नीरज कुमार राउत भी उपस्थित थे। उन्होंने बंदियों के बीच किशोर न्याय प्रणाली की विस्तृत जानकारी साझा की और इस प्रणाली के महत्व को समझाने में योगदान दिया।
यह जागरूकता कार्यक्रम बंदियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि इसके माध्यम से उन्हें किशोर न्याय प्रणाली के बारे में सही और सटीक जानकारी मिली, जो भविष्य में उन्हें सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।