पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार, पाकुड़ जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में गुरुवार को डी ए वी पब्लिक स्कूल के सभा भवन में बाल दिवस के उपलक्ष्य में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के निर्देश पर सचिव अजय कुमार गुड़िया की उपस्थिति में आयोजन सम्पन्न हुआ। शिविर का उद्देश्य बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना था।
नेहरू जयंती के उपलक्ष्य में पुष्पांजलि
शिविर का शुभारंभ प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम में प्राधिकार के सचिव अजय कुमार गुड़िया, सहायक जिला विधिक सेवा प्राधिकार नंदलाल पाल, विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य संजीव कुमार मिश्रा, और विधिक संयोजक अमित कुमार ने पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके माध्यम से बच्चों को नेहरू जी के आदर्शों और उनके योगदान से अवगत कराया गया।
चित्रांकन प्रतियोगिता और बच्चों का उत्साहवर्धन
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के बीच चित्रांकन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता और विचारों को प्रकट करने का अवसर देना था। प्रतियोगिता में भाग लेकर बच्चों ने अपने अंदर छिपी कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित किया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता मिली।
मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों पर जोर
प्राधिकार के सचिव अजय कुमार गुड़िया ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का पालन करना भी हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। उन्होंने बच्चों को एक सुनिश्चित लक्ष्य तय करने और उसे पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि एक अपराधमुक्त समाज के निर्माण के लिए बच्चों को अपने आसपास की आपराधिक घटनाओं से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
कानूनी अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता
विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य संजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लड़के और लड़कियों को उनके कानूनी अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था। उन्होंने बच्चों को टोलफ्री नंबर की जानकारी दी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में वे तुरंत मदद प्राप्त कर सकें। इस जानकारी से बच्चों को यह समझने में मदद मिली कि यदि वे किसी अपराध के शिकार होते हैं या किसी अन्य प्रकार की सहायता की आवश्यकता होती है, तो उनके पास सुरक्षा के साधन उपलब्ध हैं।
बच्चों की समस्याओं पर चर्चा
शिविर के दौरान बच्चों ने अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनसे संबंधित कानूनी सहायता के उपायों पर चर्चा की। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाना था, ताकि वे किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करते समय सक्षम महसूस कर सकें। बच्चों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कानूनी सहायता के विभिन्न पहलुओं को समझा, जिससे उनके मन में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा मिला।
यह विधिक जागरूकता शिविर बच्चों में उनके अधिकारों, कर्तव्यों, और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को समाज में अपने अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे वे न केवल अपने बल्कि अपने आसपास के लोगों के लिए भी सुरक्षा का माहौल बना सकते हैं।