पाकुड़। भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रक्रिया के अंतिम 72 घंटे के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य विधि-व्यवस्था बनाए रखना और आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी मनीष कुमार के निर्देशानुसार, इन नियमों का अनुपालन करना सभी संबंधित अधिकारियों और व्यक्तियों के लिए अनिवार्य होगा।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित
निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार, मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले, यानी 18 नवंबर 2024 को शाम 5:00 बजे से लेकर मतदान समाप्ति तक, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इस नियम का उद्देश्य चुनाव प्रचार से संबंधित शोर-शराबे को रोकना और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करना है।
मतदान केंद्रों के आसपास प्रचार-प्रसार पर रोक
मतदान दिवस के दिन प्रत्येक मतदान केंद्र के 100 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के प्रचार-प्रसार पर पूरी तरह रोक होगी। इस क्षेत्र में किसी भी पार्टी के झंडे, बैनर या पोस्टर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
विज्ञापन
मोबाइल और अन्य उपकरणों पर रोक
मतदान केंद्र के 100 मीटर के भीतर कर्तव्यरत्त अधिकारियों के अलावा किसी भी व्यक्ति को मोबाइल फोन, बेतार दूरभाष, या अन्य संचार उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
राजनीतिक कार्यालयों की सीमा निर्धारित
निर्देशों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति, राजनीतिक दल या उम्मीदवार का कार्यालय मतदान केंद्र से 200 मीटर के भीतर स्थापित नहीं किया जा सकता। इस नियम का उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को बाहरी प्रभावों से बचाना है।
मतदाता पर्ची में नाम या प्रतीक का उपयोग वर्जित
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता पर्चियों में उम्मीदवार या राजनीतिक दल के नाम या प्रतीक का उपयोग पूरी तरह से निषिद्ध है। यह कदम चुनाव की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
मुफ्त वाहन सेवाओं पर प्रतिबंध
मतदान दिवस पर किसी उम्मीदवार या उसके एजेंट द्वारा मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने-ले जाने के लिए मुफ्त वाहन सेवा उपलब्ध कराना भ्रष्ट आचरण माना जाएगा। इस पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
सरकारी भवनों का राजनीतिक उपयोग निषिद्ध
निर्वाचन आयोग ने आदेश दिया है कि किसी भी सरकारी स्वामित्व वाले गेस्ट हाउस या भवन का राजनीतिक गतिविधियों, सभा, या बैठक के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घृणा फैलाने वाले कार्यों पर रोक
निर्देश के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या व्यक्ति द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाना चाहिए, जो विभिन्न जातियों, धर्मों, या भाषाई समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न करे। यह नियम समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक है।
मतदाता गोपनीयता का संरक्षण
मतदान दिवस पर चलचित्र, टेलीविजन, या अन्य माध्यमों से किसी भी प्रकार की मतदान से संबंधित जानकारी प्रसारित करने पर रोक रहेगी, जिससे मतदाताओं की गोपनीयता भंग न हो।
ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल पर रोक
पहले चरण के मतदान से लेकर अंतिम चरण के मतदान समाप्त होने के 30 मिनट बाद तक ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। यह नियम मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करने वाले कारकों को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया है।
मीडिया के लिए निर्देश
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि मीडिया कर्मियों को मतदान प्रक्रिया की तस्वीरें खींचने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, मतदान पूर्व और मतदान दिवस पर प्रिंट मीडिया में किसी भी राजनीतिक विज्ञापन के लिए जिला एमसीएमसी कोषांग की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी।
नियमों का उल्लंघन: सख्त कार्रवाई का प्रावधान
निर्वाचन आयोग ने चेतावनी दी है कि मतदान समाप्ति के 72 घंटे पहले से लेकर मतदान समाप्ति तक, इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह नियम चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए लागू किए गए हैं।
निर्देशों का अनुपालन आवश्यक
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी यह एसओपी मतदान प्रक्रिया की शुचिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। सभी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, और संबंधित व्यक्तियों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।
निर्वाचन आयोग के ये निर्देश लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने और मतदान प्रक्रिया को बाधा मुक्त रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। चुनाव प्रक्रिया में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है, और इन नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है।