पाकुड़। मध्य विद्यालय लिट्टीपाड़ा में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ टीबी पर्यवेक्षक कालेश्वर टुडू और पिरामल स्वास्थ्य से गांधी फेलो अफरोज आफरीन के संयुक्त प्रयास से टीबी रोग से बचाव हेतु सामुदायिक जागरूकता के उद्देश्य से एक प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को टीबी रोग के लक्षण, बचाव और उपचार के प्रति जागरूक करना था।
छात्रों ने दिखाई जागरूकता की मिसाल
इस आयोजन में मध्य विद्यालय लिट्टीपाड़ा के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रभात फेरी के दौरान बच्चों ने टीबी से बचाव के लिए संदेश देते हुए नारे लगाए और जनता को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की अपील की। यह पहल सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ छात्रों के बीच सामाजिक जिम्मेदारी का भाव विकसित करने का भी एक प्रयास था।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थिति
इस अवसर पर पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर मो. सानिफ अंसारी, प्रधानाचार्य अजीत कुमार मंडल और सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान प्रभात फेरी में शामिल छात्रों और उपस्थित लोगों को टीबी रोग के कारणों और निवारण के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। प्रोग्राम लीडर मो. सानिफ अंसारी ने टीबी के शुरुआती लक्षणों की पहचान और समय पर इलाज कराने की महत्ता पर प्रकाश डाला।
सामुदायिक जागरूकता की दिशा में एक बड़ा कदम
टीबी जागरूकता अभियान के तहत यह आयोजन न केवल स्कूल के छात्रों के लिए बल्कि आसपास के समुदाय के लिए भी बेहद उपयोगी रहा। कार्यक्रम में उपस्थित गांधी फेलो अफरोज आफरीन ने सामुदायिक स्वास्थ्य जागरूकता के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे समय पर उपचार से टीबी को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
शिक्षकों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी
इस आयोजन में शिक्षकों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी ने इसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। प्रधानाचार्य अजीत कुमार मंडल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे जागरूकता अभियान छात्रों को समाज सेवा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने में सहायक होते हैं।
समाज में टीबी के प्रति गलत धारणाओं को तोड़ने की पहल
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य टीबी रोग के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करना और लोगों को इसके सही इलाज के प्रति जागरूक करना था। प्रभात फेरी के दौरान छात्रों ने स्वास्थ्य विभाग और पिरामल स्वास्थ्य द्वारा दिए गए शिक्षाप्रद संदेशों को साझा किया, जिससे आसपास के लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता फैली।
स्वास्थ्य जागरूकता में शिक्षा का योगदान
यह आयोजन दर्शाता है कि कैसे शिक्षा और स्वास्थ्य का आपसी तालमेल सामाजिक बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को टीबी के लक्षणों, बचाव और उपचार के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई, ताकि वे इसे अपने परिवार और समुदाय तक पहुंचा सकें।
मध्य विद्यालय लिट्टीपाड़ा का यह जागरूकता अभियान न केवल स्कूल स्तर पर बल्कि समुदाय स्तर पर भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सफल प्रयास साबित हुआ। ऐसे कार्यक्रम समाज में टीबी जैसे गंभीर रोगों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाते हैं।