पाकुड़। बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे महाअत्याचार के विरोध में गुरुवार को सर्व सनातन समाज के बैनर तले हिंदू संगठनों द्वारा एक विशाल जनाक्रोश रैली का आयोजन किया गया। यह रैली रेलवे मैदान से शुरू होकर शहर के विभिन्न प्रमुख चौराहों गांधी चौक, हिरण चौक, अंबेडकर चौक, बिरसा चौक, इंदिरा चौक, रविंद्र चौक होते हुए सिद्धू कान्हू पार्क के समीप वीआईपी रोड पहुंचकर एक जनसभा में परिणत हुई। इस रैली में बड़ी संख्या में माताओं और बहनों ने भी भाग लिया और अपनी आवाज़ उठाई।
इस्कॉन के राधा दामोदर दास का बयान
जनसभा में मुख्य रूप से इस्कॉन मंदिर के राधा दामोदर दास ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत अब बद से बदतर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वहां हिंदू समुदाय को अब कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है। पहले जब शेख हसीना प्रधानमंत्री थीं, तब स्थिति कुछ हद तक ठीक थी, लेकिन अब हालात बहुत बिगड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हरी नाम कीर्तन करना अब मना है और अगर कोई साधु वेश में चलता है तो उसके साथ तुरंत मारपीट की जाती है। इसके अलावा, वहां साधु या हिंदू समुदाय के लोगों की जान को भी खतरा है।
बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति
राधा दामोदर दास ने उदाहरण देते हुए कहा कि वह विश्व के 25 देशों में यात्रा करते हैं और हमेशा सनातन धर्म का प्रचार करते हैं, लेकिन दुबई जैसी जगहों पर किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती। वहां लोग स्वतंत्रता से पूजा पाठ करते हैं। लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान में यह सब संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वह बांग्लादेश जाते हैं तो वहां फुल पैंट और शर्ट पहन कर चलते हैं, लेकिन अब उसमें भी खतरा पैदा हो गया है। महिलाएं और मां बहनें वहां सुरक्षित नहीं हैं। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, हिंदू देवी-देवताओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और उनके घरों में घुसकर मारपीट की जा रही है।
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हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और अत्याचारों का विरोध
संत राधा दामोदर दास ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के कत्लेआम और तोड़फोड़ पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के घरों को आग के हवाले किया जा रहा है, दुकानों और किसानों से लूटपाट की जा रही है। इन अत्याचारों को लेकर इस्कॉन के सन्यासी चिन्मयकृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भी रोष जताया गया। वक्ताओं ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुलकर हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार से वार्ता करनी चाहिए ताकि हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
जनसभा में वक्ताओं ने यह भी कहा कि हिंदू समाज किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय के लोगों से हिंसा नहीं करता और न ही हम हिंसा की प्रवृत्ति रखते हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ विश्व शांति और विश्व कल्याण है। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश में हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध समुदायों पर हो रहे आक्रमण बंद नहीं हुए तो हिंदू समाज द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हो रहे हिंदू उत्पीड़न के खिलाफ पूरे विश्व में विरोध हो रहा है और इस मुद्दे पर आंतरराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान देना चाहिए।
प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा
जनसभा के बाद एक प्रतिनिधि मंडल ने समाहरणालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे हिंदू उत्पीड़न को लेकर भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोग
इस विशाल रैली और जनसभा में प्रमुख रूप से इस्कॉन मंदिर के राधा दामोदर दास महाराज, सत्यवान गुरदास, प्रमोद बाबा, हरी नारायण यादव, संजीव कुमार झा, देवकांत, कृष्ण कुमार भगत, मृत्युंजय घोष, हिसाबी राय, रामचंद्र और अन्य कई सन्यासी संत मौजूद रहे। इन सभी ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए और हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई।
इस रैली और जनसभा का उद्देश्य बांग्लादेश और पाकिस्तान में हो रहे हिंदू उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता फैलाना था। वक्ताओं ने भारत सरकार से इस मुद्दे पर शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही, उन्होंने विश्व समुदाय से भी इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। यह कार्यक्रम हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।