पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार, पाकुड़ के कुटुंब न्यायालय में पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों के समाधान के लिए 9 दिसंबर से 13 दिसंबर तक विशेष मध्यस्थता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सोमवार को दो महत्वपूर्ण मामलों में मध्यस्थता सफल रही। प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि ने बताया कि यह अभियान जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में सफल मध्यस्थता
अभियान के पहले दिन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़, शेषनाथ सिंह की अध्यक्षता में दो अलग-अलग दंपति के बीच विवाद को सुलझाया गया। उनके कार्यालय में आयोजित मध्यस्थता सत्र में दोनों पक्षों को समझाया गया और समाधान की प्रक्रिया को पूरा किया गया। दोनों दंपति को खुशी-खुशी उनके घर वापस भेजा गया।
पहला मामला: 6 महीने से अलग रह रहे दंपति का समाधान
पहले मामले में मूल भरण पोषण वाद संख्या 279/24 में मजीरा खातून और रेहसान शेख के बीच विवाद था। दोनों पिछले छह महीने से अलग रह रहे थे। न्यायालय के सतत प्रयासों से दोनों को आपसी सहमति के आधार पर समझाया गया। मामले का समाधान इस तरह किया गया कि दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाया और मिठाई खिलाई। इस तरह, लंबे समय से अलग रह रहे इस दंपति का पुनर्मिलन हो गया।
दूसरा मामला: पूनम देवी और रंजन सरदार के बीच सुलह
दूसरे मामले में मूल भरण पोषण वाद संख्या 232/24 में पूनम देवी और रंजन सरदार के बीच चल रहे विवाद को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया गया। दोनों पक्षों ने अदालत के सुझावों को स्वीकार किया और विवाद को खत्म करते हुए आपसी सहमति से समाधान निकाला।
घर टूटने के बजाय जोड़ने पर कुटुंब न्यायालय का जोर
कुटुंब न्यायालय का उद्देश्य केवल विवाद निपटाना नहीं, बल्कि टूटते परिवारों को जोड़ना है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इन मामलों में सफलता अदालत के सतत प्रयास और मध्यस्थता प्रक्रिया की कुशलता का परिणाम है। उनका कहना था कि समाज में परिवार की एकता बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
अभियान के महत्व और भविष्य की योजना
झालसा के इस निर्देशित अभियान का उद्देश्य परिवारिक विवादों को तेजी से और सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना है। प्रधान न्यायाधीश ने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में और अधिक मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से हल करने की कोशिश की जाएगी। इससे परिवारों में शांति और सौहार्द का माहौल स्थापित होगा।
न्यायालय के प्रयासों से जुड़े सकारात्मक परिणाम
इस विशेष अभियान के तहत न्यायालय ने यह दिखाया कि मध्यस्थता एक प्रभावी प्रक्रिया है, जिससे जटिल पारिवारिक विवाद भी सुलझाए जा सकते हैं। अभियान के पहले दिन की सफलता ने अन्य लंबित मामलों को लेकर भी उम्मीद बढ़ाई है।
न्यायालय ने दिए आवश्यक निर्देश
प्रधान न्यायाधीश ने समाज से अपील की कि विवाद की स्थिति में लोग अदालत का सहारा लें और मध्यस्थता जैसी प्रक्रिया पर भरोसा करें। उन्होंने कहा कि पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए अदालत हमेशा तैयार है और वह परिवारों को टूटने से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आगे की कार्ययोजना पर नजर
अभियान के अंत तक कई और मामलों में मध्यस्थता के जरिए समाधान की उम्मीद की जा रही है। अदालत ने सभी परिवारों को यह संदेश दिया कि संपर्क में रहने, संवाद बनाए रखने और विवाद को हल करने की कोशिश करें। इससे समाज में परिवारों की एकता और शांति बनी रहेगी।