पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में झारनेट नेटवर्क की धीमी गति के कारण भूमि से जुड़े कार्यों पर व्यापक असर पड़ रहा है। इस महत्वपूर्ण समस्या को लेकर पाकुड़ के नवनिर्वाचित विधायक निसात आलम ने बुधवार को राजधानी रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। विधायक ने झारखंड विधानसभा के मुख्यमंत्री कक्ष में इस मुद्दे को विस्तार से रखा और इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
झारनेट नेटवर्क की समस्या पर विधायक का बयान
विधायक निसात आलम ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पाकुड़ में झारनेट नेटवर्क की स्पीड काफी धीमी है। उन्होंने बताया कि इस समस्या के कारण राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट झारभूमि सही ढंग से काम नहीं कर पा रही है। झारभूमि के सुचारु रूप से न चलने से भूमि संबंधित सभी कार्य बाधित हो रहे हैं। इस धीमे नेटवर्क का सीधा असर जनता के जीवन पर पड़ रहा है, क्योंकि भूमि कार्यों में देरी से विकास के कई कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
भूमि कार्यों पर पड़ रहा है सीधा असर
पाकुड़ में भूमि संबंधित कार्यों की धीमी प्रगति ने जनता को परेशान कर दिया है। भूमि रजिस्ट्रेशन, नामांतरण, और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं के लिए झारभूमि वेबसाइट का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन झारनेट की कम स्पीड के कारण ये प्रक्रियाएँ समय पर पूरी नहीं हो रही हैं। विधायक निसात आलम ने इस स्थिति को “जनहित से जुड़ा गंभीर मुद्दा” करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर इस दिशा में जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो इसका व्यापक प्रभाव विकास परियोजनाओं और आम नागरिकों की दिनचर्या पर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने दिया भरोसा
पूरे मामले पर सुनवाई के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायक निसात आलम को भरोसा दिलाया कि इस समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों से इस दिशा में आवश्यक पहल करने और पाकुड़ में झारनेट की स्पीड सुधारने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश देने का आश्वासन दिया।
पाकुड़ में झारनेट नेटवर्क की धीमी स्पीड से न केवल भूमि कार्य प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि आम जनता को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विधायक निसात आलम ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने रखकर इसे हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने इस समस्या के समाधान का भरोसा देकर जनता को राहत देने का संकेत दिया है। अब देखना यह है कि कब तक इस समस्या का समाधान हो पाता है।