पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में जांच अधिकारियों (आई.ओ.) के लिए क्षमता निर्माण सह कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसी भी पीड़ित या पीड़िता को त्वरित न्याय से वंचित न होना पड़े और जांच अधिकारी समय पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह, एसपी प्रभात कुमार, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, सचिव अजय कुमार गुड़िया, और लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ मो. नुकुमुद्दिन शेख ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
विशेषज्ञों की नियुक्ति और उनकी जिम्मेदारी
इस कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों को अलग-अलग विषयों के लिए रिसोर्स पर्सन नियुक्त किया गया।
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- पॉक्सो एक्ट और एनडीपीएस मामलों के लिए प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि को जिम्मेदारी सौंपी गई।
- महिलाओं के विरुद्ध अपराध और साक्ष्य संग्रह के लिए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद को नियुक्त किया गया।
- मोटर वाहन दुर्घटना दावा (एमएससी) मामलों में जांच प्रक्रिया के लिए अधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर को रिसोर्स पर्सन बनाया गया।
कार्यक्रम में दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने अपने संबोधन में कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी जांच अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी मामले में समय सीमा के भीतर रिपोर्ट न्यायालय को प्रस्तुत की जाए। पॉक्सो से संबंधित मामलों में विशेष संवेदनशीलता बरतने और पीड़ितों के हित में कार्य करने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी दी।
प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि ने पॉक्सो से जुड़े मामलों पर विस्तार से चर्चा की और नए कानूनों से संबंधित जानकारी साझा की। उन्होंने जांच अधिकारियों को इस विषय में संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध और साक्ष्य संग्रहण पर चर्चा
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद ने महिलाओं के विरुद्ध अपराधों और साक्ष्य संग्रहण के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने जांच अधिकारियों को इस विषय में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए और कई कानूनी प्रावधानों पर जानकारी दी।
मोटर एक्सीडेंट क्लेम मामलों में जांच प्रक्रिया
कार्यक्रम में इंश्योरेंस कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर ने मोटर वाहन दुर्घटना दावे (एमएससी) मामलों पर अपनी विशेषज्ञता साझा की। उन्होंने जांच प्रक्रिया, साक्ष्य एकत्र करने और दावों के निपटारे की प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी।
एसपी प्रभात कुमार का संबोधन
एसपी प्रभात कुमार ने पॉक्सो मामलों में बिंदु वार जांच के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जांच अधिकारियों को मामलों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच प्रक्रिया में तत्परता और सटीकता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उपस्थित अधिकारी और विशिष्ट अतिथि
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी उपस्थित रहे। इनमें अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, डीएसपी, सभी थाना प्रभारियों के प्रशासनिक जांच अधिकारी, पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के कर्मी, न्यायालय कर्मी, और पैरा लीगल वॉलंटियर्स शामिल थे।
कार्यक्रम का समापन और संदेश
कार्यक्रम का समापन सभी जांच अधिकारियों को संवेदनशीलता, निष्पक्षता, और समयबद्धता के साथ कार्य करने के संदेश के साथ किया गया। जांच अधिकारियों के लिए यह कार्यक्रम न केवल कानूनी जागरूकता का माध्यम बना, बल्कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को और बेहतर ढंग से निभाने की प्रेरणा भी दी।