पाकुड़। जिले में मत्स्य पालन के क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और इसके माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से रविवार को सूचना भवन सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व उपायुक्त मनीष कुमार ने किया। कार्यशाला का आयोजन मत्स्य विभाग द्वारा किया गया, जिसमें जिले के मत्स्य पालकों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें विभागीय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया।
मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
कार्यक्रम में उपायुक्त मनीष कुमार ने मत्स्य पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की सही जानकारी लेकर मत्स्य पालक अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धतियां अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि परंपरागत तरीकों से हटकर नई तकनीकों को अपनाना आवश्यक है।
“मत्स्य पालन के क्षेत्र में नई सोच विकसित कर और योजनाओं का लाभ उठाकर बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।”
विभागीय योजनाओं का लाभ उठाने की अपील
उपायुक्त ने मत्स्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाएं मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हैं। इसके लिए पालकों को इन योजनाओं का सही ढंग से उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत मिलने वाले बैंक ऋण का पूर्ण सदुपयोग करना चाहिए ताकि मत्स्य पालन का व्यवसाय सफल हो सके।
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“सरकार का उद्देश्य मत्स्य पालन को एक मजबूत व्यवसाय के रूप में स्थापित करना है, जिससे किसान आत्मनिर्भर बनें”
वैज्ञानिक पद्धतियों से आय में वृद्धि
उपायुक्त ने आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि नई तकनीकों का उपयोग करके मत्स्य पालक न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि इसे एक बड़े व्यवसाय में बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि परंपरागत तरीकों को छोड़कर नए तरीके अपनाना समय की आवश्यकता है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों और विशेषज्ञों से सलाह ली जा सकती है।
मत्स्य पालन में नई सोच की आवश्यकता
उपायुक्त ने कहा कि मत्स्य पालन में सफलता प्राप्त करने के लिए नई सोच और योजना की आवश्यकता है। किसानों को अपने उत्पाद की मांग और गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मत्स्य पालक अपने उत्पाद को बाजार में अच्छी कीमत पर बेचने के लिए बेहतर रणनीति अपनाएं।
“मत्स्य पालन के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को सही दिशा में केंद्रित करना होगा”
कार्यक्रम में विशेषज्ञों की सहभागिता
कार्यशाला में जिला मत्स्य पदाधिकारी और अन्य विशेषज्ञों ने मत्स्य पालन से संबंधित तकनीकी जानकारी प्रदान की। उन्होंने मत्स्य पालकों को बताया कि किस प्रकार आधुनिक उपकरणों और संसाधनों का उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। मत्स्य पालन के लिए पानी की गुणवत्ता, भोजन प्रबंधन और रोग नियंत्रण पर भी चर्चा की गई।
मत्स्य पालकों में उत्साह
इस कार्यशाला से जिले के मत्स्य पालकों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। उन्होंने सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं की सराहना की और इसे अपने व्यवसाय के लिए उपयोगी बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित पालकों ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं उनके व्यवसाय को नई दिशा देने में मददगार हैं।
मत्स्य पालन से आर्थिक सशक्तिकरण का उद्देश्य
कार्यशाला के अंत में यह स्पष्ट किया गया कि सरकार का उद्देश्य मत्स्य पालन के माध्यम से किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण करना है। इसके लिए प्रशासन और मत्स्य विभाग हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल किया जाएगा।
“मत्स्य पालन को प्रोत्साहित कर हम न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेंगे, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेंगे”
कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी, विभागीय अधिकारी, विशेषज्ञ और जिले के प्रमुख मत्स्य पालक उपस्थित थे। इस पहल से जिले में मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की उम्मीद है। कार्यशाला ने न केवल जागरूकता बढ़ाई, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी किया।