पाकुड़। रविन्द्र भवन टाउन हॉल में जिला परिषद एवं पंचायत समिति के सदस्यों के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की। कार्यशाला का उद्देश्य पंचायत विकास योजनाओं और जनहितकारी नीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करना था।
जनहित में योजनाओं के क्रियान्वयन पर बल
इस कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष जूली खिष्टमणि हेम्ब्रम, जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार भगत, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू और जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडियस बाड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने जनहित में योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि पंचायत स्तर पर विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आपसी सहयोग बनाए रखें।
ग्राम पंचायत विकास योजना पर चर्चा
उपायुक्त मनीष कुमार ने कार्यशाला के दौरान ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP), ब्लॉक पंचायत विकास योजना (BPDP) और जिला पंचायत विकास योजना (DPDP) पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर इन योजनाओं की प्रविष्टि को लेकर दिशा-निर्देश दिए। साथ ही 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत नई योजनाओं का चयन करते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए उपलब्ध धनराशि के नियमानुसार व्यय पर बल दिया।
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योजनाओं की समय पर पूर्णता पर जोर
उपायुक्त ने सभी प्रतिनिधियों से कहा कि संचालित योजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूर्ण करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रतिनिधियों को योजनाओं की प्रगति पर नजर रखने और समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। साथ ही ग्रामीण विकास के लिए बेहतर योजना प्रबंधन और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
सभी स्तरों पर समन्वय का आह्वान
कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों ने विकास योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए सभी स्तरों पर समन्वय बनाए रखने की अपील की। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित किया कि वे ग्राम स्तर पर समस्याओं की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर समाधान खोजें।
उपस्थित अधिकारी और सदस्य
कार्यशाला में जिला परियोजना प्रबंधक ई-पंचायत आनंद प्रकाश, सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, पंचायत राज स्वशासन परिषद के सदस्य, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, जिला परिषद सदस्य, सभी पंचायत समिति के प्रमुख एवं उपप्रमुख सहित कई अन्य प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
ग्रामीण विकास की दिशा में एक कदम
यह उन्मुखीकरण कार्यशाला जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों को योजनाओं के प्रबंधन और क्रियान्वयन में अधिक सक्षम बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। ग्रामीण विकास की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए यह एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।