पाकुड़। सोनाजोड़ी सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 8 वर्षीय आरिल शेख के इलाज में इंसानियत फाउंडेशन ने समय पर रक्तदान कर उसकी जान बचाई। आरिल शेख, जो सीतेशनगर का निवासी है, गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती था। डॉक्टरों ने बताया कि उसका हीमोग्लोबिन काफी कम हो गया है और तुरंत ए पॉजिटिव रक्त चढ़ाने की आवश्यकता है।
परिजनों की परेशानी और रक्त की खोज
आरिल के परिजनों ने रक्त की व्यवस्था करने के लिए शहर के कई स्थानों पर प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इस बीच, सोनाजोड़ी अस्पताल के डॉक्टरों ने रक्त चढ़ाने की सलाह दी। रक्त की तत्काल जरूरत ने परिजनों को चिंतित कर दिया।
इंसानियत फाउंडेशन का सहयोग
आखिरकार, आरिल के परिजनों ने इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन और सचिव बानिज शेख से संपर्क किया। इंसानियत फाउंडेशन, जो जरूरतमंदों को रक्तदान के लिए हमेशा तत्पर रहती है, ने तुरंत कार्रवाई की।
विज्ञापन
फाउंडेशन ने चांचकी के निवासी आज़मल शेख (ए पॉजिटिव), अंसारुल आलम (ए पॉजिटिव) और अब्दुल हामिद (बी पॉजिटिव) से संपर्क कर उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित किया। सभी रक्तदाताओं ने पाकुड़ रक्त अधिकोष जाकर समय पर रक्तदान किया, जिससे आरिल का इलाज संभव हो पाया।
एक और महिला मरीज को मिला रक्त
आरिल के अलावा, सोनाजोड़ी सदर अस्पताल में भर्ती मुर्गा डंगा की 26 वर्षीय हपना मुर्मू, जो गंभीर रूप से बीमार थी, को भी ए पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता थी। इंसानियत फाउंडेशन ने यहां भी समय पर मदद की और रक्त उपलब्ध कराया।
परिजनों और डोनर मित्रों की प्रतिक्रिया
आरिल के परिजनों ने इंसानियत फाउंडेशन और रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संस्था की वजह से ही समय पर रक्त उपलब्ध हो सका और उनके बच्चे की जान बचाई जा सकी।
रक्तदाताओं ने भी इस कार्य को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “रक्तदान करके बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। हम आगे भी जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।”
मौके पर उपस्थित संस्था के सदस्य
रक्तदान की इस प्रक्रिया में इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन, सचिव बानिज शेख, राफेज आलम, राब्बेकुल शेख और कर्मचारी नवीन कुमार मौजूद थे। इन सभी ने मिलकर इस कार्य को सफल बनाया।
इंसानियत फाउंडेशन का समाज में योगदान
इंसानियत फाउंडेशन जैसे संगठन समाज में जरूरतमंदों के लिए एक मजबूत सहारा बनकर उभरे हैं। रक्तदान जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में उनकी सक्रिय भागीदारी से न केवल मरीजों को समय पर इलाज मिल रहा है, बल्कि यह समाज में मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है।
रक्तदान एक महान कार्य
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि रक्तदान जीवनदान है। इंसानियत फाउंडेशन और रक्तदाताओं की मदद से न केवल आरिल शेख और हपना मुर्मू का समय पर इलाज संभव हुआ, बल्कि उन्होंने समाज में एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं।