पाकुड़। उपायुक्त मनीष कुमार ने जिला भू-अर्जन कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालय की विभिन्न प्रक्रियाओं का गहन परीक्षण किया। विशेष रूप से, कार्यालय में मौजूद सभी रोकड़ पंजी (कैशबुक) की विस्तृत जांच की गई। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए डेटा की समीक्षा की कि सभी प्रक्रियाएँ पारदर्शिता और सटीकता के साथ संचालित हो रही हैं।
लंबित परियोजनाओं की समीक्षा
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने जिले में चल रही लंबित परियोजनाओं की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने रैयतों को भुगतान की प्रक्रिया की समीक्षा की और यह जाना कि कितने रैयतों को अब तक भुगतान किया गया है और कितनी परियोजनाएँ लंबित हैं। उपायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि भुगतान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए।
विशेष शिविर आयोजन के निर्देश
उपायुक्त ने अमड़ापाड़ा अंचल अन्तर्गत मौजा चिलगो में पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन के तहत उपलब्ध कराई गई राशि के भुगतान के लिए शिविर लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि संबंधित रैयतों को यह राशि 20 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच आयोजित शिविरों के माध्यम से वितरित की जाएगी। इस आदेश के तहत अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे शिविर की तैयारी पूरी सावधानी और तत्परता से करें।
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भूमि अधिग्रहण परियोजनाओं में सुधार की पहल
भूमि अधिग्रहण की प्रमुख परियोजनाएँ, जैसे राजदाहा से फूलझिंझरी पथ चौड़ीकरण और सिलमपुर-राधानगर परियोजना, पर विशेष ध्यान दिया गया। उपायुक्त ने इन परियोजनाओं में तेजी लाने और शिविर आयोजित कर रैयतों के बीच मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं को समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए ताकि विकास कार्य प्रभावित न हो।
पदाधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति
निरीक्षण के समय जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय सिंह बड़ाईक और कार्यालय के सभी कर्मचारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ निभाएं।
उपायुक्त की विशेष टिप्पणी
उपायुक्त ने कहा कि सभी विभागीय प्रक्रियाएँ रैयतों की सुविधा और समयबद्धता को ध्यान में रखकर चलाई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन विकास कार्यों में रुकावट पैदा करने वाले किसी भी कारक को बर्दाश्त नहीं करेगा।
उपायुक्त मनीष कुमार के इस औचक निरीक्षण से यह स्पष्ट हुआ कि जिला प्रशासन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और रैयतों को उचित मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे निरीक्षण भविष्य में भी प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ावा देंगे।