हिरणपुर प्रखंड के मोहनपुर गांव में मंगलवार को आयुष विभाग की ओर से एक विशेष आयुष कैंप का आयोजन किया गया। इस शिविर में नागरिकों और बच्चों को निशुल्क इलाज और दवाएं प्रदान की गईं। शिविर में आयुष चिकित्सक डॉ. कुलेश कुमार और डॉ. लवकुश यादव ने करीब 96 नागरिकों और बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
विभिन्न बीमारियों का निशुल्क उपचार
शिविर में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, जोड़ों का दर्द, गठिया वात, प्रतिश्याय, जीर्ण ज्वर, श्वास रोग, बच्चों के सामान्य रोग, और पेट संबंधी समस्याओं का परीक्षण किया गया। डॉ. कुलेश कुमार और डॉ. लवकुश यादव ने मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार आवश्यक मुफ्त दवाएं भी प्रदान कीं। इसके अलावा, शिविर में आने वाले सभी मरीजों का ब्लड प्रेशर और शुगर का भी परीक्षण किया गया।
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योग अभ्यास से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
शिविर के दौरान योग प्रशिक्षक तुषार चौरसिया ने उपस्थित नागरिकों को योगाभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि यदि मनुष्य अपनी जीवनशैली में सुधार कर लेता है, तो वह कई रोगों से बच सकता है। योग प्रशिक्षक ने दैनिक जीवन में 30 मिनट योग और संतुलित आहार को शामिल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह आदतें न केवल बीमारियों को दूर रखेंगी, बल्कि स्वस्थ और दीर्घायु जीवन का आधार भी बनेंगी।
मरीजों को जागरूक करने का प्रयास
आयुष शिविर में न केवल इलाज किया गया, बल्कि नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया। उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों के कारण और उनकी रोकथाम के उपाय बताए गए। योग के साथ स्वस्थ आहार के महत्व पर जोर दिया गया, जिससे मरीजों ने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने का निर्णय लिया।
शिविर में शामिल कर्मियों का योगदान
शिविर में मिथुन कुमार दास, सहिया कर्मी, और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी भूमिका निभाई। उनके सहयोग से शिविर का सफल संचालन हुआ। इस प्रकार के शिविर न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाते हैं, बल्कि स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आयुष विभाग की पहल की सराहना
आयुष विभाग द्वारा आयोजित यह शिविर स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार की पहल से न केवल चिकित्सा सेवाएं सुलभ हो रही हैं, बल्कि लोगों के बीच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। स्थानीय निवासियों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के शिविरों की मांग की।