पाकुड़। मंगलवार देर शाम उपायुक्त मनीष कुमार ने धान अधिप्राप्ति योजना वर्ष 2024-25 की प्रगति की समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में जिले के आपूर्ति और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ सभी लैम्पस (LAMPs) के सचिवों ने भाग लिया।
धान अधिप्राप्ति लक्ष्य की समीक्षा
बैठक के दौरान उपायुक्त ने निर्देश दिया कि धान अधिप्राप्ति लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से प्राप्त करने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए। उन्होंने जिला आपूर्ति पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारी को सतत निगरानी और अनुश्रवण करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि जिले में चयनित सभी लैम्पस को 31 दिसंबर तक न्यूनतम 20 हजार क्विंटल धान अधिप्राप्ति सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा, प्रतिदिन 2 हजार क्विंटल धान की अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
विज्ञापन
किसानों के साथ संपर्क और जागरूकता अभियान
उपायुक्त ने सभी लैम्पस के सचिवों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों के निबंधित किसानों से संपर्क करें और जागरूकता अभियान चलाएं। किसानों को समझाया जाए कि वे अपने धान को लैम्पस में ही आपूर्ति करें और उसे अन्य राज्यों में न भेजें।
उन्होंने विशेष रूप से कहा कि किसानों को यह जानकारी दी जाए कि वे कम दाम पर अपने धान को न बेचें। किसानों को प्रेरित किया गया कि वे अपने धान को उचित मूल्य पर पास के धान क्रय केंद्रों (लैम्पस) में ही बेचें।
प्रखंड स्तरीय समन्वय पर जोर
उपायुक्त ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित किया कि वे प्रखंड स्तरीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें। इसका उद्देश्य प्रतिदिन न्यूनतम निर्धारित मात्रा में धान अधिप्राप्ति सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी लैम्पस धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को पूरा करें।
किसानों को लाभान्वित करने की योजना
धान अधिप्राप्ति योजना का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाना है। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को जागरूक करें कि वे अपने धान को सर्वोत्तम मूल्य पर बेचें।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जिले के बड़े पैमाने पर धान उत्पादन करने वाले किसान अपना धान सस्ते दामों पर अन्यत्र न बेचें। यह योजना जिले के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
धान अधिप्राप्ति योजना 2024-25 के तहत जिले के किसानों को आर्थिक लाभ प्रदान करने और उनके धान को उचित मूल्य पर खरीदने का प्रयास किया जा रहा है। उपायुक्त के निर्देशों के अनुसार, सभी संबंधित अधिकारी और लैम्पस सचिव इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत रहेंगे।