मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में इलाजरत पाकुड़ बल्लावपुर की 27 वर्षीय महिला संवारा बीबी को ए पॉजिटिव रक्त की तत्काल आवश्यकता पड़ी। परिजनों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन रक्त की व्यवस्था नहीं हो सकी। ऐसे में उन्होंने इंसानियत फाउंडेशन से मदद की गुहार लगाई।
फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य मोसारफ शेख ने सूचना मिलते ही अपना काम छोड़कर जंगीपुर ब्लड बैंक की ओर रवाना होकर रक्तदान किया। इंसानियत फाउंडेशन लंबे समय से रक्तदान के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करता आ रहा है और यह प्रयास इस कड़ी में एक और मिसाल बन गया।
युवाओं को प्रेरित करने का संदेश
रक्तदान के बाद मोसारफ शेख ने युवाओं को संदेश दिया कि “रक्तदान महादान है। इसे बिना किसी झिझक करें, क्योंकि इससे किसी की जान बचाई जा सकती है।”
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इस मौके पर सेताब शेख, फरजन शेख और हाजी अब्दुल रहीम जैसे सहयोगी कर्मचारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस प्रयास में अपना योगदान दिया।
इंसानियत फाउंडेशन की भूमिका
इंसानियत फाउंडेशन अपने सदस्यों के साथ न केवल रक्तदान में, बल्कि समाज सेवा के अन्य क्षेत्रों में भी निस्वार्थ कार्य करता आ रहा है। खासकर रक्तदान अभियान में उनकी सक्रियता और तत्परता युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
संवारा बीबी के परिवार ने फाउंडेशन और मोसारफ शेख का आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे प्रयास ही समाज को जोड़ते और मानवता को बढ़ावा देते हैं।
इंसानियत फाउंडेशन का यह प्रयास मानवता की सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। रक्तदान जैसे कार्यों से समाज में सकारात्मकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है।