मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों ने बच्चों को किया सम्मानित
पाकुड़। झारखंड के श्रम नियोजन, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग के मंत्री संजय प्रसाद यादव ने पाकुड़ जिले में देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के बीच कंबल वितरित किए। उनके साथ उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार भी इस पहल में शामिल रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल बच्चों को ठंड से बचाना था, बल्कि उन्हें प्रेरित करना और शिक्षा के महत्व को समझाना भी था।
बच्चों की शिक्षा पर जोर और अभिभावकों से अपील
मंत्री ने इस अवसर पर बच्चों के अभिभावकों से खास अपील की कि वे बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना अभिभावकों का कर्तव्य है। मंत्री ने सुझाव दिया कि जब बच्चे स्कूल से घर लौटें, तो उनसे यह अवश्य पूछें कि उन्होंने दिनभर क्या सीखा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले। राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।”
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समस्याओं के समाधान के लिए आश्वासन
मंत्री ने आम जनता से कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर वे बेहिचक अपने जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर सकते हैं। सरकार का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को उसकी समस्याओं का समाधान मिले और सभी को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएं।
स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ
मंत्री ने बच्चों से यह भी जानकारी ली कि उन्हें स्पॉन्सरशिप योजना के तहत चार हजार रुपये की सहायता राशि समय पर मिल रही है या नहीं। बच्चों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें समय पर यह राशि मिल गई है, जिससे उनकी जरूरतें पूरी हो रही हैं।
प्रेरणादायक विचार और उज्ज्वल भविष्य की कामना
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बच्चों को प्रेरणादायक विचारों से अवगत कराया। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझाया और अपने सपनों को साकार करने के लिए समर्पित रहने की प्रेरणा दी। उपायुक्त ने बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक रहने और सफलता के मार्ग पर अग्रसर होने के कई उपयोगी टिप्स भी दिए।
सरकार का शिक्षा और विकास पर ध्यान
झारखंड सरकार द्वारा इस तरह की पहल यह दर्शाती है कि राज्य सरकार गरीब और जरूरतमंद बच्चों को बेहतर सुविधाएं और शिक्षा प्रदान करने के लिए गंभीर है। मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों की यह पहल न केवल बच्चों को मदद पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए प्रेरणा देने का भी महत्वपूर्ण कदम है।
इस आयोजन ने बच्चों और उनके अभिभावकों को यह विश्वास दिलाया कि सरकार उनकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।