पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ के तत्वावधान में जिला स्तरीय चित्रकला, निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पाकुड़ प्रखंड के जिदातो गर्ल्स हाई स्कूल में हुआ। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य छात्रों को सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक करना और उनकी रचनात्मकता एवं बौद्धिक कौशल को प्रोत्साहित करना था।
सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता का संदेश
प्रतियोगिता में जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न स्कूलों से छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चित्रकला, निबंध, और वाद-विवाद के जरिए प्रतिभागियों ने बाल विवाह, बाल श्रम, और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों ने अपनी कलात्मकता और तर्कशक्ति से समाज में बदलाव लाने का संदेश दिया। छात्रों में इस आयोजन को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला।
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प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया ने छात्रों की प्रतिभा और उत्साह की सराहना की। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती हैं। साथ ही, यह उनके व्यक्तित्व विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती हैं।
प्रतियोगिता में चयनित विजेता
प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं का चयन किया गया। चित्रकला प्रतियोगिता में पाकुड़ राज प्लस टू उच्च विद्यालय की निशा कुमारी ने पहला स्थान प्राप्त किया। दूसरा स्थान राजवीर साहा को मिला, जो जिदातो इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्र हैं। तीसरा स्थान सुहाना खातून को दिया गया, जो उपग्रेड उच्च विद्यालय, नबीनगर की छात्रा हैं।
निबंध प्रतियोगिता में रानी ज्योतिर्मयी बालिका उच्च विद्यालय की शिया कुमारी ने पहला स्थान हासिल किया। दूसरा स्थान श्रेया दास को मिला, जो जिदातो बालिका उच्च विद्यालय से हैं।
वाद-विवाद प्रतियोगिता में भी प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और चयनित छात्रों के नाम राज्य स्तर पर नामांकित किए गए।
राज्य स्तर पर प्रतिभागियों का होगा सम्मान
सचिव अजय कुमार गुड़िया ने घोषणा की कि प्रतियोगिता में चयनित छात्रों को राज्य स्तर पर नामांकित किया गया है। उन्होंने विजेताओं को उनकी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई दी। यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों के कौशल को निखारने का एक मंच थी, बल्कि उनके भीतर सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी विकसित करने का प्रयास था।
समाज के प्रति संवेदनशीलता का निर्माण
इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि युवा पीढ़ी में समाज की समस्याओं को लेकर जागरूकता और संवेदनशीलता है। प्रतियोगिता ने छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया। इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों को रचनात्मकता और तर्कशक्ति के साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।