पाकुड़। वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, इंटरमीडिएट परीक्षा 2024, और जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा 2024 के कदाचार मुक्त संचालन के लिए उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में परीक्षा केंद्रों की तैयारियों और व्यवस्थाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
परीक्षा केंद्रों पर सुविधाओं का होगा विशेष ध्यान
उपायुक्त ने सभी विद्यालयों को निर्देश दिया कि बेंच-डेस्क, सीसीटीवी कैमरे, फर्स्ट एड बॉक्स, और बिजली की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा केंद्रों पर किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से पूरी होनी चाहिए।
प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिए विशेष निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को परीक्षा के दौरान विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दिन प्रत्येक केंद्र पर अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की कदाचार गतिविधियां न हों।
विज्ञापन
जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश के लिए दस्तावेज अनिवार्य
जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया है। छात्रों को नामांकन के समय विद्यालय स्थानांतरण प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, और प्रधानाध्यापक का घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस घोषणा पत्र में यह स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए कि छात्र ने संबंधित विद्यालय में कक्षा 3 से कक्षा 5 तक पढ़ाई की है।
परीक्षाओं के लिए कदाचार मुक्त वातावरण का निर्माण
उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि सभी परीक्षाओं का संचालन कदाचार मुक्त तरीके से किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और विद्यालय प्रबंधन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
परीक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है जिसमें वे निष्पक्ष और निर्भय होकर अपनी परीक्षा दे सकें। उपायुक्त ने कहा कि सभी व्यवस्थाओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
समाज में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा
यह कदम न केवल परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छात्रों और अभिभावकों में शिक्षा के प्रति विश्वास और गंभीरता को भी बढ़ावा देगा। प्रशासन का यह प्रयास शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक सकारात्मक पहल है।