पाकुड़: शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारने और विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से शनिवार को रविंद्र भवन टाउन हॉल में प्रोजेक्ट परख के अंतर्गत उच्च और उच्चतर विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के लिए एक विशेष उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की और इसका शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।
बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष जोर
कार्यशाला में उपायुक्त ने सभी शिक्षकों से विद्यार्थियों की उपस्थिति में वृद्धि लाने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि नियमित रूप से क्वेश्चन सेट का रिवीजन और डिस्कशन आयोजित किया जाए। इससे न केवल बच्चों की समझ में सुधार होगा, बल्कि उनकी पढ़ाई के प्रति रुचि भी बढ़ेगी। उपायुक्त ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी शिक्षक अपने विद्यालयों में अनुशासन और सकारात्मक माहौल बनाए रखें।
विज्ञापन
शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास
उपायुक्त ने उन विद्यालयों पर विशेष ध्यान देने की बात कही जहां शिक्षकों की कमी है। उन्होंने बताया कि ऐसे विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की जा रही है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो और उन्हें सभी विषयों की बेहतर शिक्षा मिल सके।
कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों की भागीदारी
कार्यशाला में जिला शिक्षा पदाधिकारी अनीता पुरती, एडीपीओ पीयूष कुमार, और जिले के उच्च और उच्चतर विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक शामिल हुए। इन विशेषज्ञों ने कार्यशाला में शिक्षकों को शिक्षण विधियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने शिक्षकों को नवीनतम तकनीकों और शिक्षण उपकरणों के उपयोग की जानकारी दी, जिससे छात्रों को पढ़ाई में अधिक मदद मिल सके।
शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा कदम
इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल शिक्षकों को मार्गदर्शन देना था, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों की भागीदारी को बढ़ावा देना भी था। उपायुक्त ने यह भी आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन शिक्षा क्षेत्र में हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
यह कार्यशाला जिले के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए लाभकारी साबित होगी। इस तरह के आयोजनों से शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।