पाकुड़: समाहरणालय स्थित कार्यालय में उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में लंबित नीलाम पत्र वादों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा करना और ऋण वसूली प्रक्रिया को तेज करना था। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को लंबित मामलों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
वारंट और कुर्की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने जिलास्तरीय नीलाम पत्र पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बकायेदारों के विरुद्ध नोटिस, वारंट, कुर्की और जब्ती की प्रक्रिया को तेज करें। उन्होंने कहा कि सभी लंबित वादों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए नोटिस तामिला और आपत्तियों के निपटान पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया।
ऋण वसूली में मासिक लक्ष्य निर्धारित करने की सिफारिश
उपायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि हर महीने अधिक से अधिक लंबित मामलों में ऋण वसूली की कार्रवाई पूरी करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्राथमिकता के आधार पर तेजी से कार्रवाई की जाए ताकि बकायेदारों से वसूली में देरी न हो। इससे जिले के आर्थिक संसाधनों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
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28 जनवरी को नीलाम पत्र मेगा शिविर का आयोजन
बैठक में यह भी घोषणा की गई कि 28 जनवरी को एक नीलाम पत्र मेगा शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर का उद्देश्य लंबित मामलों को त्वरित रूप से निपटाना और बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करना है। शिविर में जिला प्रशासन के अधिकारी व्यापक स्तर पर कार्यवाही करेंगे।
अधिकारियों की भागीदारी और समन्वय पर जोर
बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, अनुमंडल पदाधिकारी साईमन मरांडी, जिला परिवहन पदाधिकारी संजय पीएम कुजूर, भूमि सुधार उप समाहर्ता मनीष कुमार, और कार्यपालक दंडाधिकारी कांति रश्मि समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों को आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्यवाही को सफल बनाने का निर्देश दिया गया।
लंबित वादों का शीघ्र निष्पादन: प्रशासन का प्राथमिक लक्ष्य
उपायुक्त ने बैठक के अंत में सभी विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि लंबित मामलों को शीघ्र निपटाना और जिले में ऋण वसूली की प्रक्रिया को गति देना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से सहयोग और अनुशासन के साथ कार्य करने की अपील की।
यह बैठक जिले में आर्थिक और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। 28 जनवरी को होने वाला मेगा शिविर जिले के वित्तीय मामलों में सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।