Wednesday, January 15, 2025
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सामाजिक कुरीति निवारण जागरूकता रथ: समाज सुधार की ओर एक कदम

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समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ को किया गया रवाना

पाकुड़। जिले में सामाजिक कुरीति निवारण जागरूकता रथ को बुधवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर राजमहल लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय कुमार हांसदा, महेशपुर विधायक प्रोफेसर स्टीफन मरांडी, लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू, उपायुक्त मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, वन प्रमंडल पदाधिकारी सौरभ चंद्रा, और उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम में हिस्सा लिया। जागरूकता रथ का उद्देश्य बाल विवाह, डायन प्रथा और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जनजागरूकता फैलाना है।

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जन सहभागिता पर जोर
इस मौके पर उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि बाल विवाह और सामाजिक कुरीतियां हमारे समाज के लिए एक अभिशाप हैं। इनके उन्मूलन के लिए जनसहभागिता बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि बाल विवाह जैसी प्रथाएं जारी रहीं, तो स्वस्थ भारत का सपना अधूरा रह जाएगा। बाल विवाह के कारण बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं और उनमें विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जिससे परिवार और समाज का विकास प्रभावित होता है।

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जागरूकता रथ का उद्देश्य और कार्यक्षेत्र
सामाजिक कुरीति निवारण जागरूकता रथ जिले के विभिन्न प्रखंडों और गांवों में भ्रमण करेगा। यह वाहन ऑडियो-विजुअल माध्यमों से लोगों को बाल विवाह, डायन प्रथा, अंधविश्वास और अन्य सामाजिक कुरीतियों के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देगा। साथ ही, यह बताएगा कि इन समस्याओं को समाप्त करने के लिए समाज में किस तरह की सोच और व्यवहारिक बदलाव की आवश्यकता है।

बाल विवाह: समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा
उपायुक्त ने बताया कि बाल विवाह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह उनकी शिक्षा और सामाजिक विकास को भी बाधित करता है। इसके चलते बच्चे कुपोषित और कमजोर पैदा होते हैं, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास बाधित होता है। यह प्रथा परिवार और समाज के लिए विकास के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट है।

डायन प्रथा और अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई
डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियां आज भी कई इलाकों में प्रचलित हैं। इन प्रथाओं के कारण निर्दोष महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है। जागरूकता रथ के माध्यम से इन अंधविश्वासों के खिलाफ लोगों को शिक्षित किया जाएगा और यह बताया जाएगा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है।

सामाजिक कुरीति निवारण जागरूकता रथ पाकुड़ जिले में सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान से लोगों को सामाजिक बुराइयों के प्रति शिक्षित और जागरूक किया जाएगा। जनसहभागिता और जागरूकता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद की जा रही है। यह रथ जिले में सामाजिक प्रथाओं को सुधारने और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने का माध्यम बनेगा।

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