पाकुड़। जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उत्क्रमित उच्च विद्यालय, पोचाथोल में नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम के तहत एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य छात्रों को बाल विवाह, बाल श्रम के दुष्प्रभाव, शिक्षा का अधिकार, मौलिक अधिकार, और मौलिक कर्तव्यों के महत्व के बारे में जानकारी देना था।
नालसा के टोल फ्री नंबर की जानकारी
कार्यक्रम में नालसा के टोल फ्री नंबर 15100 की जानकारी दी गई, जो जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है। छात्रों को यह समझाया गया कि किसी भी प्रकार की कानूनी मदद के लिए वे इस नंबर का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा मिलने वाली अन्य मुफ्त कानूनी सेवाओं की भी जानकारी साझा की गई।
बाल विवाह और बाल श्रम के दुष्प्रभावों पर चर्चा
सत्र में विशेष रूप से बाल विवाह और बाल श्रम के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई। छात्रों को समझाया गया कि बाल विवाह न केवल उनके अधिकारों का हनन करता है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। इसी तरह, बाल श्रम बच्चों के शिक्षा के अधिकार को बाधित करता है और उनके भविष्य को अंधकारमय बनाता है।
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मौलिक अधिकार और कर्तव्यों का महत्व
कार्यक्रम में छात्रों को मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी दी गई। उन्हें यह बताया गया कि अधिकारों का उपयोग तभी संभव है, जब वे अपने कर्तव्यों का पालन करें। इस सत्र के माध्यम से छात्रों को जागरूक नागरिक बनने की प्रेरणा दी गई।
जागरूकता पर्चियों का वितरण
सत्र के दौरान, छात्रों को जागरूकता पर्चियां भी वितरित की गईं। इन पर्चियों में मुफ्त कानूनी सहायता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई थी। छात्रों ने इन पर्चियों के माध्यम से विभिन्न कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
पैरा लीगल वॉलंटियर्स का योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में पैरा लीगल वॉलंटियर्स अमूल्य रत्न रविदास और एजारूल शेख ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छात्रों के साथ संवाद करते हुए उन्हें कानूनी प्रावधानों और उनके उपयोग के तरीकों की जानकारी दी। उनके संयुक्त प्रयास से छात्रों ने विभिन्न विषयों को बेहतर तरीके से समझा।
छात्रों ने दिखाई जागरूकता में रुचि
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कानूनी जानकारी में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने बाल विवाह, बाल श्रम, और कानूनी सहायता के अन्य पहलुओं पर सवाल पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने विस्तार से उत्तर दिया।
समाज को जागरूक बनाने की पहल
यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए उपयोगी साबित हुआ, बल्कि समाज में कानूनी जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के इस प्रयास से छात्रों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया गया, जो उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करेगा।