दुर्गा मंदिर में आयोजित हुई बैठक
पाकुड़। रेलवे कॉलोनी स्थित दुर्गा मंदिर में 51 कुंडली गायत्री महायज्ञ की तैयारी को लेकर एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में साहिबगंज से आए गायत्री परिवार के सदस्यों और पाकुड़ के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। महायज्ञ का आयोजन 21 अप्रैल से 24 अप्रैल तक किया जाएगा। बैठक में इस महायज्ञ को भव्य और सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
यज्ञ का आयोजन स्थल
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 51 कुंडली गायत्री महायज्ञ का आयोजन सिंधी धर्मशाला, पाकुड़ में किया जाएगा। आयोजन स्थल को भव्य रूप से सजाने और भक्तों के लिए हर सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई।
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महायज्ञ का उद्देश्य और महत्व
इस गोष्ठी में गायत्री महायज्ञ के आध्यात्मिक महत्व और इसके उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। गायत्री परिवार के सदस्यों ने बताया कि गायत्री महायज्ञ के माध्यम से धार्मिक जागरूकता, सामाजिक समरसता और मानसिक शांति का संदेश दिया जाएगा। गायत्री मंत्र के प्रभाव से वातावरण शुद्ध होता है और लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
कार्यक्रम की रूपरेखा और व्यवस्थाएं
बैठक की अध्यक्षता मनोज गुप्ता ने की। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए इसे सफल और व्यवस्थित बनाने पर जोर दिया। इस दौरान आवास, भोजन, और यज्ञ कुंड की व्यवस्था सहित अन्य तैयारियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना को देखते हुए सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
गायत्री परिवार का योगदान
साहिबगंज से आए गायत्री परिवार के सदस्यों ने महायज्ञ के आयोजन में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के महायज्ञ समाज में धार्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ नैतिकता और शांति का भी संदेश देते हैं। पाकुड़ के कार्यकर्ताओं ने भी महायज्ञ को सफल बनाने के लिए समर्पण और सहयोग का भरोसा दिलाया।
महायज्ञ में भक्तों की सहभागिता
इस महायज्ञ में क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। यज्ञ के दौरान गायत्री मंत्रोच्चार, हवन, और धार्मिक प्रवचन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, महायज्ञ में सामूहिक पूजा-अर्चना के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया जाएगा।
सामाजिक और धार्मिक जागरूकता का प्रयास
51 कुंडली गायत्री महायज्ञ के माध्यम से धर्म, अध्यात्म, और सामाजिक एकता का संदेश दिया जाएगा। इस तरह के कार्यक्रम न केवल आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनते हैं, बल्कि समाज में सद्भाव और शांति की भावना को भी प्रोत्साहित करते हैं। गोष्ठी में मौजूद सभी कार्यकर्ताओं ने महायज्ञ को एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने के लिए पूरे समर्पण के साथ काम करने का संकल्प लिया।