पाकुड़। समाहरणालय के सभागार में न्यादर्श निबंधन प्रणाली के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पाकुड़, गोड्डा, दुमका और साहेबगंज जिलों के अंशकालिक प्रगणकों को केंद्र में रखते हुए आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रगणकों को न्यादर्श निबंधन प्रणाली और जन्म-मृत्यु निबंधन की प्रक्रिया में तकनीकी समझ विकसित करना था।
निबंधन प्रणाली और मोबाइल ऐप का प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान उप निदेशक, जनगणना कार्य निदेशालय, झारखंड, रांची से गजेन्द्र गुप्ता, सहायक निदेशक विवेक कुमार, सांख्यिकीय अन्वेषक ग्रेड I गौरव कुमार और सांख्यिकीय अन्वेषक ग्रेड II ने उपस्थित प्रगणकों को निबंधन प्रणाली के महत्व की विस्तृत जानकारी दी। जन्म और मृत्यु निबंधन को मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी ढंग से समझाया गया। इस दौरान यह भी बताया गया कि एसआरएस ऐप का उपयोग कर रिपोर्टिंग को कैसे समय पर पूरा किया जाए।
प्रगणकों की जिम्मेदारियों पर जोर
प्रशिक्षण में प्रगणकों की जिम्मेदारियों पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्हें सिखाया गया कि रिपोर्ट प्रेषण में किन प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। साथ ही, ऑनलाइन रिपोर्ट प्रेषण के महत्व पर चर्चा की गई ताकि निबंधन कार्यों में कोई देरी न हो।
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जिला सांख्यिकी विभाग की भागीदारी
इस कार्यक्रम में जिला सांख्यिकी कार्यालय के जितेन्द्र प्रसाद सिन्हा और जेएफआई रोहित सिंह समेत अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने प्रशिक्षण में सहयोग दिया और प्रगणकों को निबंधन प्रक्रिया को सटीक और समय पर पूरा करने के लिए प्रेरित किया।
न्यादर्श निबंधन प्रणाली का महत्व
न्यादर्श निबंधन प्रणाली न केवल जन्म और मृत्यु दर के आंकड़े एकत्र करने में सहायक है, बल्कि इससे सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को भी मापा जा सकता है। यह प्रणाली देश में जनसंख्या और स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
एक दिवसीय यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रगणकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हुआ। इससे न केवल उनकी तकनीकी समझ में वृद्धि हुई, बल्कि उन्हें निबंधन कार्यों में जिम्मेदारी के साथ योगदान देने की प्रेरणा भी मिली।