वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक
जिले में धान अधिप्राप्ति की प्रगति और किसानों की समस्याओं को लेकर उपायुक्त मनीष कुमार ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, लैम्प्स (LAMPS) के अध्यक्ष और सचिव सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान उपायुक्त ने जिले में अधिक से अधिक किसानों का निबंधन करने और समय पर धान की खरीद सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
किसानों से धान खरीद में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिया कि धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत का सही मूल्य उन्हें समय पर मिलना चाहिए, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी योग्य किसानों से धान की खरीद तेजी से पूरी हो।
10 फरवरी तक 60 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य
बैठक के दौरान उपायुक्त ने 10 फरवरी तक सभी लैम्प्स के माध्यम से 60 हजार क्विंटल धान अधिप्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करें।
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सीएमआर में देरी करने वाले राइस मिलों पर कार्रवाई
धान अधिप्राप्ति के बाद सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस) की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना भी प्रशासन की प्राथमिकता में शामिल है। उपायुक्त ने तोड़ाई राइस मिल और बड़हरवा राइस मिल को समय पर सीएमआर नहीं देने के कारण शोकॉज नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने साफ कहा कि जो भी मिलें धान की मिलिंग में देरी करेंगी या अनुबंध का उल्लंघन करेंगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रखंड स्तर पर होगी सख्त जांच
धान अधिप्राप्ति को पारदर्शी और सुचारू रूप से चलाने के लिए उपायुक्त ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी (DSO) और जिला सहकारिता पदाधिकारी (DCO) को निर्देश दिया कि वे आलुबेड़ा लैम्प्स, चेगाडांगा लैम्प्स, दादपुर लैम्प्स, कानीझारा लैम्प्स, मदनमोहनपुर लैम्प्स और पृथ्वीनगर लैम्प्स की गहन जांच करें। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसानों को धान बेचने में कोई कठिनाई न हो और उन्हें उचित समर्थन मूल्य समय पर मिले।
प्रशासन की प्राथमिकता – किसानों को मिले समय पर भुगतान
धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया में किसानों को किसी भी तरह की समस्या न हो, इसके लिए उपायुक्त ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि धान की खरीद के बाद किसानों को उनका भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य किसानों की आय को बढ़ाना और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ दिलाना है।
सतर्कता और पारदर्शिता पर जोर
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि धान खरीद में किसी भी तरह की अनियमितता न हो और यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी बनी रहे। किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हर स्तर पर निगरानी रखी जाएगी।
किसानों के लिए राहत भरी खबर
प्रशासन द्वारा की जा रही इस सख्ती से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। अब उन्हें अपना धान बेचने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, और भुगतान भी समय पर मिलेगा। किसानों की समस्याओं को जल्द हल करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो।
इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि जिला प्रशासन धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने और किसानों को उनका हक दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।