सोनाजोड़ी सदर अस्पताल में इलाजरत 8 वर्षीय ओम पहाड़िया थैलेसीमिया नामक रक्त विकार से पीड़ित हैं। यह एक गंभीर रक्त रोग है, जिसमें मरीज के शरीर में रक्त का उत्पादन सामान्य रूप से नहीं हो पाता। ओम को प्रत्येक महीने ब्लड की आवश्यकता होती है, और इसे पूरा करना उनके परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। थैलेसीमिया के मरीजों को समय-समय पर रक्त की आपूर्ति बेहद जरूरी होती है, लेकिन रक्त के अभाव में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। ओम के परिवार ने इस संकट के दौरान स्थानीय ब्लड बैंक से मदद की अपील की और अपने बच्चे के इलाज के लिए रक्त की तलाश शुरू की।
पियूष दास की तत्परता और संवेदनशीलता
जब ओम के परिवार ने अपनी कठिनाई और रक्त की आवश्यकता के बारे में ब्लड बैंक के कर्मचारियों से जानकारी साझा की, तो वहां के कर्मचारी पियूष दास ने तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप किया। पियूष दास ने न केवल रक्तदान करने का संकल्प लिया, बल्कि साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “घबराने की कोई बात नहीं है, मैं स्वयं रक्तदान करूंगा ताकि ओम को रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।” पियूष दास का यह मानवीय पहल न केवल ओम के परिवार को राहत प्रदान करने वाला साबित हुआ, बल्कि यह मानवता और सेवा की एक प्रेरणादायक मिसाल भी बना।
नवीन कुमार का योगदान और रक्तदान की प्रक्रिया
इसके बाद, नवीन कुमार, रक्तधिकोष के अन्य कर्मचारी भी रक्तदान प्रक्रिया में शामिल हुए। उन्होंने सभी आवश्यक जांचों के बाद रक्तदाता से रक्त की प्राप्ति कर रक्त की उपलब्धता को सुनिश्चित किया। इस प्रक्रिया के सफलतापूर्वक संपन्न होने से ओम के परिवार को एक नई उम्मीद और राहत मिली, जिससे ओम को समय के साथ रक्त चढ़ाया गया। इस कार्य में पियूष दास और नवीन कुमार की सक्रिय भागीदारी ने सभी को एकजुट होकर एक बड़े लक्ष्य की ओर काम करने की प्रेरणा दी।
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पियूष दास का रक्तदान को लेकर अनुभव
पियूष दास ने रक्तदान को लेकर अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “रक्तदान करके मुझे अत्यधिक संतुष्टि और खुशी मिल रही है। यह एक छोटा सा कदम हो सकता है, लेकिन इससे किसी की जिंदगी को बचाया जा सकता है, जो कि किसी भी इंसान के लिए सबसे बड़ा कार्य होता है। मैं भविष्य में भी रक्तदान करता रहूंगा और सभी को प्रेरित करूंगा कि वे भी इस नेक कार्य में हिस्सा लें।” उन्होंने आगे कहा, “कुछ दिन पहले हमारे जिले के उपायुक्त महोदय और पुलिस अधीक्षक महोदय ने भी रक्तदान किया था। मैं उनसे प्रेरित होकर आज रक्तदान करने का अवसर प्राप्त कर पाया।”
रक्तदान का सामाजिक महत्व और पियूष दास की भूमिका
रक्तदान केवल एक दान नहीं, बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी और मानवता का एक सशक्त उदाहरण है। यह कार्य तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब समाज में ऐसे लोग होते हैं जो आवश्यकता के समय आगे बढ़कर दूसरों की मदद करते हैं। पियूष दास जैसे रक्ताधिकोष कर्मचारी ने यह साबित कर दिया कि रक्तदान न केवल एक शारीरिक कार्य है, बल्कि यह जीवन को बचाने की एक अमूल्य प्रक्रिया है। उनके योगदान से न केवल ओम को जीवन मिला, बल्कि जिले के लोग भी रक्तदान के महत्व को समझने और उसे अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं।
इस अवसर पर नवीन कुमार और फ्रूटी भी उपस्थित थे, जिन्होंने रक्तदान प्रक्रिया में सहायक भूमिका निभाई। रक्तदान की इस महत्वपूर्ण पहल ने न केवल ओम पहाड़िया की जान बचाई, बल्कि पूरे समाज को एकजुट होकर मदद करने का संदेश दिया। यह घटना हमें यह सिखाती है कि एक संवेदनशील और समाज के प्रति जिम्मेदार व्यक्ति किस प्रकार अपने छोटे से प्रयास से दूसरों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। पियूष दास की तरह लोगों की मदद करने और रक्तदान को एक मानवता का कार्य मानने की आवश्यकता है।